जगदीप धनखड़ की मिमिक्री पर राष्ट्रपति ने जताई निराशा, बोलीं- अभिव्यक्ति मर्यादा के दायरे में हो

राष्ट्रीय जजमेंट
मिमिक्री घटना पर बढ़ते विवाद के बीच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को संसद परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को “अपमानित” करने के तरीके पर निराशा व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निर्वाचित प्रतिनिधियों को खुद को व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति “गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों” के भीतर होनी चाहिए। राष्ट्रपति की यह निंदा कुछ सांसदों के निलंबन के खिलाफ संसद की सीढ़ियों पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के दौरान तृणमूल कांग्रेस नेता कल्याण बनर्जी द्वारा धनखड़, जो राज्यसभा के सभापति भी हैं, की नकल करने के एक दिन बाद आई है।

राष्ट्रपति द्वारा एक्स पोस्ट में लिखा गया है कि जिस तरह से हमारे सम्मानित उपराष्ट्रपति को संसद परिसर में अपमानित किया गया, उसे देखकर मुझे निराशा हुई। निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए। यह संसदीय परंपरा रही है जिस पर हमें गर्व है और भारत के लोग उनसे इसे कायम रखने की उम्मीद करते हैं। वहीं, जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि कोई कितनी भी उनकी बेइज्जती कर ले, उसे वह ‘खून के घूंट पी कर’ सहन कर लेते हैं लेकिन वह कभी यह बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई उपराष्ट्रपति पद की गरिमा को ठेस पहुंचाए।

संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर हंगामा करने पर दोनों सदनों से 90 से अधिक विपक्षी सदस्यों को निलंबित किए जाने के विरोध में विपक्ष के सांसदों ने कल मंगलवार को संसद परिसर में प्रदर्शन किया और सदन की ‘मॉक कार्यवाही’ का आयोजन किया था। निलंबित सांसदों ने संसद के नए भवन के मकर द्वार पर धरना दिया। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा के सभापति और लोकसभा के अध्यक्ष द्वारा, सदनों की कार्यवाही का संचालन किए जाने की नकल उतारी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधीबनर्जी द्वारा कार्यवाही के संचालन की नकल किए जाने का मोबाइल फोन से वीडियो बनाते देखे गए।

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