आगरा: खतौनी में नाम संशोधन करने के एवज में तथाकथित रिश्वत लेने के आरोपी लेखपाल भीमसेन चौधरी को जिलाधिकारी भानु प्रताप गोस्वामी ने निलंबित कर एसडीएम को विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। निलंबन अवधि में आरोपी लेखपाल रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय से संबद्ध रहेगा।
ताजनगरी आगरा के सदर तहसील में तैनात लेखपाल भीमसेन चौधरी पर बुधवार को बमरौली कटारा निवासी उमेश यादव और हरभजन ने आरोप लगाया कि तीन भाइयों के बीच जमीन का विवाद था उनमें से एक भाई का नाम खतौनी में गलत था जिसके संशोधन के नाम पर लेखपाल संघ के पूर्व अध्यक्ष भीमसेन चौधरी ने उनसे दस लाख रुपये रिश्वत ली है। एक होटल में उनका लेखपाल से सौदा हुआ। पांच लाख रुपये कार की आगे की डिग्गी में रखे, जबकि पांच लाख रुपये पीले रंग के एक लिफाफे में कार की पिछली सीट पर रखे। कार का पीछा करते हुए युवक सदर तहसील पहुंचा। 10 लाख रिश्वत की रकम लेकर जिस कार से लेखपाल तहसील आया, उसे छोड़कर वह फरार हो गया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस पहुंच गई। कार को लेकर पुलिस थाने गई। लेखपाल के बेटे मोहित ने पैसे अपने बताए हैं।
गुरुवार की सुबह लेखपाल के बेटे मोहित चौधरी और राहुल चौधरी चाबी लेकर थाना शाहगंज पहुंचे। फोरेंसिक टीम व अधिकारियों की निगरानी में कार खोली गई। कार से 500 के नोटों की गड्डियों के चार बंडल बरामद हुए। हालांकि कार खोलने के दौरान शिकायतर्कता मौके पर नहीं पहुंचा।
वहीं लेखपाल भीमसेन चौधरी का कहना है कि रकम उनके बेटे की है। जिन लोगों से बेटे ने रकम ली उसके साक्ष्य मौजूद हैं। उन्हें बदनाम करने के लिए साजिश रची गई है। उन्हें फंसाया जा रहा है।
मामले की विवेचना कर रहे एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि कार से 10 लाख रुपए बरामद किए गए हैं। शिकायतकर्ता द्वारा बहकावे में आकर शिकायत करने संबंधी 2 प्रार्थना पत्र और एक वीडियो वायरल किया है। वायरल वीडियो में शिकायकर्ता ने कहा कि उन्हें गुमराह किया गया और गलत तरीके से बात बताई गई थी। उन्होंने गुमराह होकर बयान दिया जोकि सरासर ग़लत है। सेल्फी प्वाइंट पर भीमसेन और उनके बेटे को एक पैकेट के साथ देखा था। लोगों के कहने पर उन्होंने बयान दिया था। एसीपी ने बताया कि इस प्रकार बयान देने से कुछ नहीं होगा। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
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