राष्ट्रीय जजमेंट
एटा- आज दिनांक 14 जनवरी को थाना जैथरा पर एसएसपी एटा राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में लहचोरा दिलीप कुमार हत्याकांड को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई
तथा पकड़े गए मुजरिमों को मीडिया के सामने पेश किया गया पुलिस के द्वारा जो तथ्य मीडिया के सामने रखे गए उनको मृतक दिलीप के परिजनों ने आधा अधूरा सच बताया
बताते चले कि जनपद एटा के जैथरा थाना क्षेत्र के गांव लहचोरा में कार चालक की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
पूछताछ के दौरान दोनों ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया है। मगर परिजन पुलिस की जांच को संदिग्ध मान रहे हैं।
परिजनों का कहना है नामजद आरोपियों को पुलिस बचाकर अन्य दो आरोपियों को जेल भेज कर घटना के पटाक्षेप का प्रयास कर रही है।
उल्लेखनीय है कि 5 जनवरी दिन शुक्रवार को कार चालक दिलीप अपने घर से फर्रुखाबाद बुकिंग ले जाने के लिए निकला था। रसीदपुर निवासी छोटू उर्फ छोटे पुत्र किशनपाल उर्फ किशनू ने गाड़ी बुक की थी।
अगले दिन जब वह घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने उसके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। फोन स्विच ऑफ होने पर किसी अनहोनी की आशंका होने लगी। परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की सुचना दे कर उसकी खोजबीन शुरू कर दी।
7 जनवरी दिन रविवार को जानकारी मिली कि पटियाली थाना क्षेत्र के गांव नरथर में नहर किनारे एक लावारिस कार खड़ी है। कार में खून के धब्बे लगे हुए थे। जिससे चालक के हत्या की आशंका और अधिक बढ़ गई।उसी दिन रविवार शाम को बदायूं जनपद के उसैत थाना क्षेत्र के गांव खेरे से पुलिस ने क्षत – विक्षत अवस्था में दिलीप कुमार का शव बरामद कर पोस्टमार्टम कराया।
शव मिलने के बाद पुलिस ने मृतक के भाई राजू की तहरीर के आधार पर 4 नामजद व एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धरा 147,364,302,120B में मुकदमा दर्ज कर लिया।
परिजनों का आरोप पुलिस नामजद आरोपियों को बचाने का कर रही है प्रयास
मृतक के भाई राजू ने तहरीर में वीरेंद्रपाल, शिवराज पुत्रगण बहादुर सिंह, ,सुखरानी पुत्री वीरेंद्रपाल व एक अन्य अज्ञात व्यक्ति को आरोपी बनाया था।
आरोपियों ने मृतक के पिता देशराज की 14 सितंबर 2012 में गोली मारकर हत्या कर दी थी। केस की पैरवी मृतक दिलीप कर रहा था
जिसकी वजह से एक अन्य व्यक्ति के साथ साजिश कर इन लोगों ने मेरे भाई की हत्या कर दी।
मृतक के भाई राजू ने बताया कि यह नामधज लोग कूट रचित दस्तावेज तैयार कर मेरी जमीन हड़पने का कई सालों से प्रयास कर रहे हैं ,
जिसका मुकदमा सिविल न्यायालय एटा में विचाराधीन है । इसी संपत्ति को हड़पने के उद्देश्य से मेरे पिता देशराज की हत्या की थी।
वहीं पुलिस गाड़ी लूटने के उद्देश्य से कार चालक दिलीप की हत्या का कारण बता रही है , जो किसी के भी गले नहीं उतर रही है।
जब कि अपराधियों का उद्देश्य कार लूटना होता तो कार को गांव के किनारे क्यों छोड़ जाते जब कि पकड़े गए दोनों मुजरिमों (अर्जुन उर्फ शिवम पुत्र अहिबरन, रवि पुत्र दुर्गपाल निवासीगण रसीदपुर) ने थाने पर मृतक के सभी परिजनों और पुलिस के सामने खुद कबूला कि मृतक दिलीप कुमार से मेरी कोई रंजिश या लड़ाई झगड़ा नहीं था
तथा पकड़े गए अपराधियों ने यह भी बताया कि मेरे साथ एक दूसरी गाड़ी और थी जिसमें अन्य लोग भी सवार थे पुलिस ने यह भी खुलासा नहीं किया कि दूसरी गाड़ी में अन्य लोग कौन थे तथा दूसरी गाड़ी कहां है और किसकी थी I
परिजनों ने की स्वतंत्र एजेंसी से निष्पक्ष जांच की मांग
स्थानीय पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कहा 10 अक्टूबर 2022 को जघन्य हत्याकांड के आरोपियों ने गांव में खुलेआम जान से मारने की धमकी दी थी। जिसकी पुलिस से शिकायत की गई थी।
पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया, पुलिस ने उस समय आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही की होती तो कार चालक दिलीप की हत्या टल सकती थी।
इसलिए अब पुलिस से भरोसा उठ गया है। परिजन अब नृशंस हत्याकांड की स्वतंत्र जांच एजेंसी से जांच करने की मांग कर रहे हैं। ताकि हत्याकांड की सच्चाई सबके सामने आ सके।
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