आखिरकार वो घड़ी आ ही गई जिसका हर हिंदुस्तानी को बेसब्री से इंतजार था। 497 साल बाद रामलला को घर मिल ही गया। प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर जगमगाने लगा है। भक्तों में इसकी झलक देखने के लिए लालसा बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में हम आपको मंदिर के बारे में जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं।
भव्य राम मंदिर 2.7 एकड़ में बन रहा है।
मंदिर की वास्तुकला नागर शैली में है।
मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा से 32 सीढियां चढ़ कर सिंह द्वार से होगा।
वृद्धों और दिव्यांगों के लिए रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था है।
मंदिर में कुल 3 मंजिल होंगी। प्रत्येक की ऊंचाई 20 फुट होगी।
अभी ग्राउंड फ्लोर का काम हुआ है। पहले और दूसरे फ्लोर का काम चल रहा है।
राम दरबार प्रथम तल पर होगा।
इसमें श्री राम सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्तियां होंगी। इसके ऊपर एक फ्लोर होगा जहां आम श्रद्धालु नहीं जा सकेंगे।
इसकी पूर्व से पश्चिम तक कुल लंबाई 380 फुट, चौड़ाई 250 फुट और ऊंचाई 161 फुट होगी।
मंदिर में कुल 392 स्तंभ हैं जिन पर 9800 मूर्तियां हैं।
दीवारों पर 10000 से ज्यादा मूर्तियां होंगी।
कुल 44 दरवाजे हैं जिन्हें तमिलनाडु के कारीगर बना रहे हैं। दरवाजों पर कमल, मोर और अन्य पक्षी बने हुए हैं।
मंदिर के खंभों और दीवारों पर देवी-देवताओं की मूर्तियां बनी हैं।
गर्भगृह के दरवाजे 8 फुट ऊंचे, 12 फुट चौड़े और 6 इंच मौटे हैं।
सिंह द्वार पर हाथी, शेर की प्रतिमाएं हैं।
मंदिर के पास ही पौराणिक काल का सीताकूप होगा।
परकोटे के बाहर सात मंदिर हैं। सबसे पहले महर्षि वाल्मीकि फिर महर्षि वशिष्ठ और उनके बाद क्रमशः महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज गुह, माता शबरी और देवी अहिल्या को समर्पित मंदिर हैं।
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