आज से दर्शन के लिए खुला Ram Mandir, भक्तों का लगा तांता, लंबी लाइन में रामलला के दर्शन के लिए इंतजार कर रहे श्रद्धालु

राष्ट्रीय जजमेंट

अयोध्या धाम में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम के दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु राम मंदिर के बाहर पहुंचे हैं। श्री राम के दर्शन करने वालों का रेला लगा हुआ है। राम मंदिर पहुंचकर भक्ति जल्द से जल्द रामलला का दर्शन करने के लिए उत्साहित है।
मंगलवार की सुबह से ही प्रभु श्री राम की जन्म भूमि पर बने भव्य मंदिर में भारी संख्या में दर्शन के लिए श्रद्धालु जुटने लगे हैं। श्रद्धालुओं की मंदिर के बाहर लंबी कतार लगनी शुरू हो गई है। राम मंदिर की मुख्य द्वार के बाहर देर रात से ही भक्तों ने लंबी लाइन लगानी शुरू कर दी। रामलला के दर्शन करने के लिए दो बजे से ही भक्तों ने मंदिर के बाहर जमावड़ा लगना शुरू कर दिया। राम मंदिर के बाहर खड़े होकर भक्तों ने जय श्री राम के नारे भी लगाए। नारे लगाते हुए ही मंदिर के अंदर भक्त दाखिल हुए। रामलीला की प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद देशभर से श्रद्धालुओं का अयोध्या पहुंचना और यहां जितने का सिलसिला लगातार जारी है।

राम मंदिर में दर्शन करने के लिए अयोध्या के स्थानीय निवासी भी पहुंच रहे है। स्थानीय और अन्य राज्य के लोगों समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु सोमवार देर रात को ही मंदिर परिसर की ओर जाने वाले राम पथ पर मुख्य द्वार के समीप एकत्रित हो गए। प्राण प्रतिष्ठा के लिए फूलों से सजाए द्वार के समीप बड़ी संख्या में लोगों के एकत्रित होने पर पुलिस ने श्रद्धालुओं को बताया कि मंदिर मंगलवार से खुलेगा।

होटल की बुकिंग में हुआ इजाफा

राम मंदिर के उद्घाटन के बाद यहां भक्तों का रेला लगने लगा। उद्घाटन के बाद आने वाले 2 सप्ताह तक होटल की बुकिंग भी 80% तक हो चुकी है। अयोध्या में होटल बुकिंग बहुत तेजी से बढ़ रही है। अयोध्या में 5 गुना तक इजाफा होटल बुकिंग में हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक अयोध्या की लग्जरी कमरों का किराया एक लाख रुपये तक पहुंच गया है। किराए में अत्यधिक बढ़ोतरी होने के बाद भी होटल बुकिंग में कमी नहीं हो रही है।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में सोमवार को अयोध्या के मंदिर में रामलला की नयी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर को एक नए युग के आगमन का प्रतीक करार दिया और लोगों से मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर अगले 1,000 वर्षों के मजबूत, भव्य और दिव्य भारत की नींव बनाने का आह्वान किया।

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