लोकतंत्र में असहमति महत्वपूर्ण, लेकिन यह हिंसा में नहीं बदलनी चाहिए: केरल के राज्यपाल

राष्ट्रीय जजमेंट

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने यहां 75वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर शुक्रवार को कहा कि असहमति और मतभेद लोकतांत्रिक कामकाज के आवश्यक तत्व हैं, लेकिन ये हिंसा में तब्दील नहीं होने चाहिए।खान ने केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के सेंट्रल स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह की अगुवाई करते हुए कहा कि समाज को सत्ता के लिए समूहों की प्रतिद्वंद्विता या आंतरिक संघर्ष को शासन को प्रभावित करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए क्योंकि यह भावी पीढ़ियों के लिए एक गलत उदाहरण पेश करेगा।

 

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा वह प्रमुख साधन है जिसके द्वारा समाज को बदला जाता है और यह मन से पुराने पूर्वाग्रहों को दूर करने का एकमात्र प्रभावी तरीका है।गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन भी शामिल हुए। खान ने कहा, ‘‘भविष्य इस पर निर्भर करता है कि हमारे विचार और कार्य कैसे हैं। इसके लिए हमें ऐसे उच्च शिक्षा संस्थानों की आवश्यकता है जो वास्तव में स्वायत्त हों और हर ऐसे बाहरी हस्तक्षेप से मुक्त हों जो युवाओं को शैक्षणिक वातावरण को दूषित करने वाली गतिविधियों में संलग्न होने के लिए प्रेरित करते हैं।

’’खान ने स्टार्टअप, स्वास्थ्य और पर्यटन सहित विभिन्न क्षेत्रों में केरल द्वारा हासिल की गई विभिन्न उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। राष्ट्रीय ध्वज फहराने और परेड का निरीक्षण करने के बाद राज्यपाल ने विभिन्न पुलिस और सशस्त्र बलों की टुकड़ियों की सलामी ली।

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