फ़रीदाबाद क्राइम ब्रांच ने वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश करते हुए कबाड़ी सहित चार आरोपियों को किया गिरफ्तार

फरीदाबाद: फरीदाबाद क्राइम ब्रांच 85 की टीम ने वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 2 वेगनआर, 1 ऑल्टो तथा 1 इक्को गाड़ी बरामद की है। आरोपी फरीदाबाद में 20 से अधिक गाड़ी चोरी की वारदात को दे चुके हैं

एसीपी क्राइम अमन यादव ने बताया कि गिरफ़्तार किए गए आरोपियों में देवेंद्र उर्फ देवन(44), अनिल उर्फ भूषण(26), यामीन उर्फ भोलू(35) तथा अब्दुल रहमान(50) शामिल है। आरोपी देवेंद्र तथा अनिल दोनों फरीदाबाद में रह रहे थे वहीं आरोपी यामीन उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर तथा आरोपी अब्दुल रहमान पलवल के चांदहट में रहता था। आरोपी देवेंद्र की सेक्टर 81 में गाड़ी की वर्कशॉप है वहीं आरोपी अब्दुल रहमान पलवल में कबाड़ी का काम करता है।

 क्राइम ब्रांच की टीम ने गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर 20 जनवरी को आरोपी देवेंद्र को चोरी की गाड़ी सहित पकड़ा था। आरोपी जब गाड़ी के दस्तावेज नहीं दे सका। आरोपी को गिरफ्तार करके पुलिस रिमांड पर लिया गया और मामले में गहनता से पूछताछ की गई जिसमें सामने आया कि आरोपी ने अपने तीन उक्त साथियों के साथ मिलकर गाड़ियों को चोरी करके बेचने की कई वारदातों को अंजाम दिया है। आरोपी देवेंद्र द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर 25 जनवरी को पुलिस द्वारा आरोपी यामीन को उत्तर प्रदेश के रबूपुरा तथा कबाड़ी अब्दुल को पलवल के चांदहट से गिरफ्तार किया गया। 28 जनवरी को आरोपी अनिल को भी रबूपुरा से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस रिमांड के दौरान आरोपियों के कब्जे से फरीदाबाद में दर्ज चार मुकदमों में चोरी हुई 4 गाड़ियां बरामद की गई जिसमें 2 वेगनआर, 1 ऑल्टो तथा 1 इक्को गाड़ी शामिल है।

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी देवेंद्र और अनिल गाड़ी चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं तथा आरोपी देवेंद्र जो मैकेनिक है पुरानी स्क्रैप गाड़ियां खरीदकर उनके चेसिस नंबर चोरी की गाड़ियों पर लगाकर आरोपी यमन के माध्यम से अपने साथी कबाड़ी रहमान को बेच देता है। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी फरीदाबाद में वाहन चोरी की 20 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। आरोपी अनिल के खिलाफ वाहन चोरी के 14 मुकदमे दर्ज है वहीं आरोपी देवेंद्र के खिलाफ वाहन चोरी के 5 मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस रिमांड पूरा होने के पश्चात आरोपियों को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है वहीं अन्य गाड़ियों की बरामड़की के लिए उन्हें प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पूछताछ की जाएगी और चोरी की गई गाड़ियों को बरामद किया जाएगा।

 

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