नई दिल्ली: कांग्रेस के बड़े नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर ने 3 दिनों व्रत रखकर अयोध्या में बने राम मंदिर का विरोध किया है। सुरन्या ने सोशल मीडिया पर राम मंदिर के खिलाफ कई पोस्ट किये हैं। इन सब बातों को संज्ञान में लेते हुए सुरन्या के अपार्टमेंट की वेलफेयर सोसायटी ने एक्शन लिया है। सोसायटी ने उनको नोटिस जारी करते हुए कहा कि वे अपना फ्लैट खाली कर दें। बता दें कि सुरन्या अय्यर दिल्ली के जंगपुरा इलाके में एक आपर्टमेंट में रहती है। मिली खबर के मुताबिक सुरन्या अय्यर को गत 27 जनवरी को सोसायटी की ओर से नोटिस जारी किया गया है।
सुरन्या के व्रत और सोशल मीडिया पोस्ट की आलोचना करते हुए वेलफेयर सोसायटी ने कहा है कि एक शिक्षित आदमी का राम मंदिर को लेकर इस तरह से विचार रखना शोभनीय नहीं है। कहा कि हम सुरन्या से सामाजिक और सोसायटी सौहार्द की दिशा में पहल करने की उम्मीद करते हैं। क्योंकि वे देश के एक सम्मानित नागरिक और नेता की बेटी हैं। लेकिन सुरन्या ने इन सब बातों की परवाह न करते हुए राम मंदिर के खिलाफ स्टैंड लिया। इससे बिल्डिंग की सोसायटी का सौहार्द खराब हुआ है। उनको अपने फ्लैट में अब नहीं रहना चाहिये। कहा, सोसायटी ने बहुत सोच समझकर ये निर्णय लिया है। कहा कि सुरन्या के पोस्ट और वक्तव्य नफरफ फैलाने वाले हैं।
आरडब्ल्यूए ने बताया कि कॉलोनी के सभी निवासियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध सुनिश्चित करना एसोसिएशन की जिम्मेदारी है। सुरन्या अय्यर ने सोशल मीडिया के माध्यम से जो कहा वह निश्चित रूप से एक शिक्षित व्यक्ति के लिए अशोभनीय था। राम मंदिर 500 साल बाद बनाया जा रहा है और यह सुप्रीम कोर्ट के 5-0 के फैसले के बाद बनाया जा रहा है। सुरन्या का नफरत भरा भाषण और शांतिप्रिय समाज में रखा गया तीन दिन का उपवास दुर्भाग्यपूर्ण था। आरडब्ल्यूए ने सुरन्या से आग्रह किया कि वे एक अच्छे नागरिक के मानदंडों का पालन करें और लोगों के बीच नफरत और अविश्वास पैदा करके किसी को भी भड़काएं नहीं।
आरडब्ल्यूए ने न केवल सुरन्या से माफी मांगने के लिए कही है कि बल्कि मणिशंकर अय्यर से अपनी बेटी के कृत्य की निंदा करने का भी आग्रह किया है। इसके अलावा, आरडब्ल्यूए ने सुरन्या से आग्रह किया कि अगर उन्हें लगता है कि उन्होंने जो किया है वह सही है तो वह कॉलोनी से बाहर चली जाएं।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में जाने के आमंत्रण को ठुकरा दिया था और इस आयोजन का राजनीति से प्रेरित बताया था। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और सोनिया गांधी को राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से उद्घाटन समारोह में शामिल होने का आमंतत्रण मिला था। लेकिन पार्टी की ओर से समारोह से दूरी बना ली थी। इसी तरह तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, सपा के अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और मायावती देश की प्रमुख पाटियों ने भी समारोह में हिस्सा नहीं लिया था।
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