नई दिल्ली: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट थाना की पुलिस ने गुयाना जाने वाले एक शख्स को फर्जी वीजा उपलब्ध करवाकर लाखों का फर्जीवाड़ा करने वाले तीन एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने शख्स को जयपुर एयरपोर्ट से अजरबैजान भेजा गया था पर इस्तांबुल में रोक दिया गया और वापस से आईजीआई एयरपोर्ट डिपोर्ट कर दिया था। पुलिस को इंटरनेशनल फर्जी वीजा मामले में इन लोगों की तलाश थी। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान दिल्ली निवासी 32 वर्षीय उदित मोघा, 25 वर्षीय सागर डबास और हरियाणा निवासी 45 वर्षीय केवल सिंह के रुप में हुई है।
एयरपोर्ट डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि आरोपियों विदेश में कम कीमत पर भेजने का लालच देकर लोगों को पासपोर्ट और वीजा उपलब्ध कराने का झांसा देकर उन्हें बेवकूफ बनाकर लाखों की ठगी करते थे। 19 नवंबर 2022 को तीन भारतीय नागरिक गुरमीत सिंह, साहिल कुमार और विक्रम सिंह को इस्तांबुल से आईजीआई एयरपोर्ट पर वापस डिपोर्ट किया गया था। जब उन लोगों से पूछताछ हुई तो पता चला कि यह लोग अलग-अलग डेट में अजरबैजान के लिए निकले थे। जिसमें से हरियाणा के एक गांव का रहने वाला साहिल जयपुर से रवाना हुआ था। जैसे ही इस्तांबुल पहुंचा तो जांच में वीजा फेक होने के कारण रोक दिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच के दौरान गुरप्रीत सिंह, साहिल कुमार और विक्रम सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
डीसीपी ने बताया कि आरोपी साहिल कुमार से पूछताछ करने पर उसने खुलासा किया कि वह आजीविका के लिए विदेश जाना चाहता था और उसकी यात्रा की व्यवस्था एजेंट केवल सिंह और उसके सहयोगी उदित मोगा और सागर डबास ने की थी। जिसमें से 20 लाख देने थे, दो लाख पहले दे दिए बाकी की राशी गुयाना पहुंचने के बाद देनी थी। फरार एजेंटों को पकड़ने के लिए टिम को कम सोपा गया। टीम इस मामले में तीनों एजेंट को गिरफ्तार करने में कामयाब रही।
पता चला कि उदित मोगा एमसीए की पढ़ाई कर चुका है और यह महिपालपुर में ट्रेवल्स की कंपनी चलाता है। वह पहले मनी एक्सचेंज का काम करता था। इस दौरान उसकी मुलाकात केवल सिंह और सागर से हो गई और उसके बाद इन लोगों ने फिर लोगों को विदेश भेजने का काम शुरु कर दिया। मामले में अन्य एजेंटों की संलिप्तता का पता लगाने और आरोपियों के बैंक खातों की जांच की जा रही है।
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