आगरा: संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा लिए गए निर्णय में अबकी बार किसान भी भारत बंद का हिस्सा बनेंगे। भारतीय किसान यूनियन(टिकैत) के जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया ने भाकियू के राष्ट्रीय व प्रदेश नेतृत्व के हवाले से कहा कि एमएसपी गारंटी कानून, अग्निपथ योजना, सरकारी नई नौकरियों में पेंशन को खत्म करना, बिजली अमेंडमेंट 2022, आलू निर्यात, बिजली के निजीकरण पर रोक लगाना, कर्मचारियों को स्थाई भर्ती करो, संविदा एवं ठेका कर्मचारियों को स्थाई कर्मचारी घोषित करो, किसानों के नलकूपों में मीटर लगाना बंद करो, फ्लैट रेट से सस्ती बिजली जारी रखो, प्रीपेड और स्मार्ट मीटर लगाना बंद करो, किसानों बुनकरों एवं अन्य कुटीर धंधों और गरीबों को मुफ्त बिजली दो जैसी तमाम समस्याओं को लेकर 16 फरवरी 2024 को एक दिवसीय भारत बंद का ऐलान किया है। भाकियू जिलाध्यक्ष ने बताया कि देश के अन्नदाता के साथ तथा उसके सम्मान में ट्रांसपोर्टर, दूधिया, मंडी के आड़ती, दुकानदार, युवा, छात्र, महिलाएं, सभी गैरराजनैतिक संगठन किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करेंगे। जिलाध्यक्ष ने कहा कि 16 फरवरी को किसान खेत पर काम नहीं करेंगे, ट्रैक्टर व कृषि यंत्रों का इस्तेमाल भी नहीं करेंगे ।तथा सभी किसान अपनी मवेशियों के लिए एक दिन पहले ही चारे की व्यवस्था करेंगे किसान अपनी उपज मंडियों में नहीं लेकर जांयेंगे।भारतीय किसान यूनियन जनपद आगरा के समस्त पदाधिकारीगण, तहसील अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्षों से अनुरोध किया है कि वह किसानों सहित आम जन मानस के साथ संपर्क कर भारत बंद को सफल बनाने की अपील करें।
जिलाध्यक्ष राजवीर लवानिया ने कहा कि मरीज, एंबुलेंस, मेडिकल, हॉस्पिटल को किसी भी प्रकार से अवरुद्ध पैदा नहीं किया जाएगा। अबकी बार भारत बंद में ग्रामीण भारत भी बंद होगा।
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