नागालैंड के IAS जीतेंद्र गुप्ता के खिलाफ CBI की FIR, ‘फोकस’ परियोजना में रिश्वत लेने का आरोप

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

दो करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत लेने के आरोप में नागालैंड के अतिरिक्त सचिव(कृषि) जितेंद्र गुप्ता और फोस्टरिंग क्लाइमेट रेसिलिएंट अपलैंड फार्मिंग सिस्टम(फोकस) परियोजना में काम करने वाले दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया है। आयकर विभाग की एयर इंटेलिजेंस यूनिट की एक शिकायत पर कार्रवाई शुरू की है। मामला दर्ज करने के बाद सीबीआई ने आठ फरवरी को कोहिमा में ‘फोकस’ के कार्यालय में तलाशी ली थी।

शुपालन विभाग ऑटो विहोई 17 दिसंबर 2023 को दीमापुर से नई दिल्ली की उड़ान कर रहे थे। इस दौरान आयकर विभाग ने कार्रवाई करते हुए विहोई के बैग से रुपये बरामद किए थे। आईटी विभाग द्वारा पूछताछ के दौरान विहोई ने आरोप लगाया कि नकदी आईएएस जितेंद्र गुप्ता की थी, जिन्होंने फोकस परियोजना के कार्यान्वयन से जुड़े विभिन्न लोगों से रिश्वत ली थी। आरोपी जीतेंद्र गुप्ता ने उन्हें अगले दिन दिल्ली ले जाने के लिए 16 दिसंबर, 2023 को अपने आवास पर नकदी सौंपी थी। आईटी विभाग ने पाया था कि अन्या आरोपी रामपौकाई नियमित रूप से परियोजना में शामिल लोगों से रिश्वत इकट्ठा कर रहा था और पिछले कुछ महीनों में उसने जीतेंद्र गुप्ता को 1.5 करोड़ रुपये सौंपे थे।

बिहार कैडर के अधिकारी जीतेंद्र गुप्ता को दिसंबर 2020 में अंतर-कैडर प्रतिनियुक्ति पर नागालैंड भेजा गया था। 2016 में जीतेंद्र गुप्ता, जो तब मोहनिया के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात थे पर बिहार सतर्कता विभाग द्वारा ओवरलोडेड ट्रकों की रोकथाम के दौरान कथित रिश्वतखोरी के मामले में मामला दर्ज किया गया था। जीतेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि परिवहन ‘माफिया’ के खिलाफ उनके कार्यों से वे नाराज हो गए थे और उनके खिलाफ आरोपों का उद्देश्य उन्हें फर्जी मामले में फंसाना था। उनके तर्क को 28 अक्टूबर, 2016 को पटना उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा,

 

जिसने अधिकारी के खिलाफ एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया था।गौरतलब है कि 2019 में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को जीतेंद्र गुप्ता का तुरंत अंतर-कैडर स्थानांतरण शुरू करने और चार सप्ताह के भीतर उन्हें बिहार कैडर से बाहर स्थानांतरित करने का आदेश जारी करने का निर्देश दिया था। आदेश जारी करते हुए हाईकोर्ट ने एक आईएएस अधिकारी को अपमानित, परेशान और प्रताड़ित करने के लिए बिहार सरकार को फटकार लगाई थी, जिसने अपनी जान को खतरा होने के बावजूद परिवहन ‘माफिया’ के खिलाफ सख्त रुख अपनाया था।

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