दिल्ली विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम मदारी का हुआ समापन
महाराजा अग्रसेन कॉलेज ने जीता प्रथम पुरस्कार
नई दिल्ली: राष्ट्रीय कला मंच एवं दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम मदारी का समापन गुरूवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय में हुआ। इस तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम मदारी के समापन सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय सह संगठन मंत्री आनंद श्रीवास्तव, विशिष्ट अतिथि के तौर पर राष्ट्रीय कला मंच के प्रमुख प्रदीप मेहता व दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष तुषार डेढ़ा, सचिव अपराजिता, सह सचिव सचिन बैसला एवं राष्ट्रीय कला मंच की राष्ट्रीय सह संयोजक कोमोलिका कैम उपस्थित रहीं। इस कार्यक्रम में श्रेष्ठ नाट्य प्रदर्शन करने के लिए महाराजा अग्रसेन की नाट्य मंडली अभिनय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया ,डीसीएसी कॉलेज और कालिंदी कॉलेज की नाट्य मंडली ने संयुक्त रुप से द्वितीय स्थान तथा अरबिंदो और राजधानी की नाट् मंडली ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया। अतिथियों ने विजेताओं को स्मृति चिन्ह व पुरस्कार राशि देकर उन्हें सम्मानित किया।
राष्ट्रीय कला मंच एवं दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सांस्कृतिक उत्सव मदारी के आखिरी दिन दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों से आए छात्रों ने,कलाकरों ने विभिन्न नाट्य प्रस्तुति एवं अन्य कलात्मक प्रस्तुति देकर तथा विभिन्न कॉलेजों से आए कलाकारों ने उत्कृष्ट कला प्रदर्शनी लगाकर लोगों को अपनी कला से अवगत कराया। दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने आने वाले उत्तर-पूर्व के छात्रों के साथ हो रहे दोहन एवं शोषण पर कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक ने सबका ध्यान खींचा। मदारी ने पिछले तीन दिनों से अनेक कलात्मक प्रस्तुति के माध्यम से लोक कलाकारों को बढ़ावा देने एवं इन प्रस्तुतियों के माध्यम से समसमायिक समस्याओं के समाधान करने का सार्थक प्रयास किया है।
मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित राष्ट्रीय कला मंच के प्रमुख प्रदीप मेहता ने कहा कि,राष्ट्रीय कला मंच कलाकारों और कला प्रेमियों को बढ़ावा देने का जो कार्य कर रहा है वह सराहनीय है। विगत तीन दिनों से दिल्ली विश्वविद्यालय में मदारी के माध्यम से लोक संस्कृति, परंपरा के प्रति जागरूक करने का आह्वान किया जा रहा है। खिचड़ी, ग्राम्या और धरोहर विषय पर कलाकारों ने प्रदर्शनी लगाकर अपनी प्रतिभा से लोगों को अवगत कराया एवं अपनी धरोहर, संस्कृति और मिट्टी से जुड़ने के लिए लोगों को प्रेरित किया । हमें ऐसे कार्यक्रम हर शिक्षण संस्थानों में आयोजित कराने चाहिए ताकि ऐसे लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का एक मंच मिल सके।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के उत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय सह-संगठन मंत्री आनंद श्रीवास्तव ने कहा कि, मदारी लोक कलाकारों की प्रतिभाओं को प्रदर्शित करने का एक मंच है। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ से मेरी अपेक्षा है कि वह इस प्रकार के और भी मंच कला के इच्छुक छात्रों को प्रदान करें ताकि कला को बढ़ावा मिले। पहले कला पर एक विशेष विचारधारा का प्रभाव रहा करता था एवं कला के माध्यम से विचारधारा को थोपने का प्रयास किया जाता था। इससे बचकर हमें कला के सही उपयोग की ओर उन्मुख होना होगा। मदारी कला के माध्यम से सामाजिक संदेश एवं समाजिक जागरण करने का काम कर रहा है।
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