15 लाख में फर्जी वीज़ा से भेजते थे कनाडा, 15 साल बाद दिल्ली पुलिस ने पकड़ी

नई दिल्ली: दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जी वीज़ा से कनाडा भेजने वाले गिरोह की एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान 57 वर्षीय राजविंदर उर्फ राज कौर निवासी मोगा, पंजाब के रूप में हुई है। राजविंदर 15 साल से फरार चल रही थी। जिसे 2009 में न्यायालय ने अपराधी घोषित किया गया था।

आईजीआई एयरपोर्ट डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया कि जुलाई 2009 में गुरदीश सिंह नामक एक व्यक्ति चीन से आईजीआई हवाई अड्डे पहुंचा। उसके यात्रा दस्तावेजों की जांच के दौरान उसके पासपोर्ट पर कनाडा का फर्जी वीजा लगा हुआ पाया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर गुरदीश सिंह को गिरफ्तार किया।

पूछताछ में गुरदीश सिंह ने खुलासा किया कि जुलाई 2009 में वह सही वीजा पर चीन चला गया था। बीजिंग में एजेंट अशोक ने अपने सहयोगियों की मदद से 15 लाख रुपये में नकली कनाडाई वीजा बना दिया। जांच में एजेंट के सहयोगियों के नाम सुखदेव सिंह और उसकी पत्नी राजविंदर सामने आए। उस समय एजेंट और उसके सहयोगियों को पकड़ने के प्रयास किए गए लेकिन वे फरार रहे।

आगे की जांच के दौरान, एजेंट अशोक, सुखदेव सिंह को 2012 में और राजविंदर को 2013 में न्यायालय अपराधी घोषित किया था। बाद में सुखदेव को गिरफ्तार कर लिया था। फरार राजविंदर पर तकनीकी निगरानी रखी गई और पंजाब और अन्य स्थानों पर छापे मारे गए, लेकिन वे अपने स्थान बदल रही थी। सूत्रों से मिली सुचना में राजविंदर ट्रेन से नई दिल्ली आ रही थी। तभी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से उपलब्ध तस्वीर के आधार पर पकड़ लिया गया।

डीसीपी ने बताया कि आरोपी महिला से पूछताछ की गई, जिसने अपना अपराध कबूल कर लिया और बताया कि वह अनपढ़ है और पंजाब में अपने एक ठिकाने पर रह रही है। उन्होंने आगे खुलासा किया कि इस मामले में, उन्होंने अपने पति और सहयोगी अशोक की मदद से पासपोर्ट पर नकली कनाडाई वीजा की व्यवस्था करने के लिए 15 लाख रुपये लिए थे और यह राशि सभी ने बांट दी थी। मामले में आरोपी अशोक अभी भी फरार है। आरोपी महिला के बैंक खातों की जांच करने और इसी तरह की अन्य संलिप्तता का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

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