एबीवीपी ने जेएनयू में डीन ऑफ स्टूडेंट्स के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन

नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जेएनयू इकाई ने शुक्रवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में डीन ऑफ स्टूडेंट्स के विरुद्ध जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का प्रमुख उद्देश्य जेएनयू के छात्रों को उनका हक दिलाना और बराक हॉस्टल को छात्र समुदाय को सौंपना था।इस प्रदर्शन में परिषद के कार्यकर्ता के साथ सैकड़ों छात्रों ने भाग लिया।

गौरतलब है कि 2015 में हॉस्टल की समस्या को लेकर अभाविप के पूर्व कार्यकर्ता सौरभ शर्मा और ललित पांडेय ने 15 दिनों की भूख हड़ताल की थी जिसमें ललित पांडेय का लीवर डैमेज हो गया था और उन्हें ठीक होने में दो साल और दवाएं लेनी पड़ी थीं। जबकि सौरभ शर्मा को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एबीवीपी की हड़ताल के बाद भारत सरकार को जेएनयू में नए हॉस्टल के निर्माण के लिए फंड जारी करने के लिए बाध्य होना पड़ा। इसके बाद, भारत सरकार के मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने बराक हॉस्टल को बनाने के लिए संबंधित फंड जारी किया था।

अभाविप के कार्यकर्ताओं ने छात्रों के साथ डीओएस के समक्ष कुछ प्रमुख मांगें रखी। जिसमें सभी नव प्रवेशित यूजी, पीजी और पीएचडी के छात्रों को तत्काल छात्रावास आवंटन, हॉस्टलों का समय पर और गुणात्मक रूप से नवीनीकरण, छात्रों को पर्याप्त फर्नीचर जैसे बिस्तर, टेबल, कुर्सी आदि उपलब्ध कराना एवं बराक हॉस्टल को तत्काल छात्र समुदाय को सौंपने की बात रखी है।

एबीवीपी-जेएनयू अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा, “छात्रों को हॉस्टल सुविधा न मिलना गंभीर चिंता का विषय है। हम लगातार छात्रों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस भ्रष्ट जेएनयू की प्रशासन की वजह से जेएनयू के ज्यादातर हॉस्टल का नवीनीकरण अटका हुआ है और इसे पूरा करने में देरी हो रही है। हम मांग करते हैं कि छात्रों को तत्काल हॉस्टल आवंटन किया जाए और बर्राक हॉस्टल को छात्र समुदाय को सौंप दिया जाए।”

वहीं जेएनयू के इकाई मंत्री विकास विकास पटेल ने कहा, “एबीवीपी छात्रों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हम जेएनयू प्रशासन से मांग करते हैं कि वह छात्रों की समस्याओं का तत्काल समाधान करे और उन्हें गुणवत्तापूर्ण रहने का अधिकार दे। अभाविप तब तक लड़ते रहेंगे जब तक छात्रों को उनका हक नहीं मिल जाता।”

 

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