आगरा में गुरुवार को यूपी बोर्ड के इंटर गणित और जीव विज्ञान प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने के एक घंटे बाद ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। व्हाट्स ऐप पर प्रश्नपत्रों के लीक होने का पता चलते ही अधिकारियों में अफरातफरी मच गई। मिलान करने पर प्रश्नपत्रों के कोड आदि समान पाए गए। डीआईओएस की ओर से फतेहपुर सीकरी थाने में अतर सिंह इंटर कॉलेज, रौझौली किरावली के केंद्र व्यवस्थापक सहित अन्य के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। हालांकि परीक्षा निरस्त होने की कोई संभावना नहीं है। मैनपुरी में भी पेपर लीक होने की सूचना प्राप्त हुई है।
गुरुवार को परीक्षा की दूसरी पाली में गणित और जीव विज्ञान और हाईस्कूल का कृषिविज्ञान का पेपर चल रहा था। करीब 3 बजे प्रिंसिपल के व्हाट्सएप ग्रुप पर जीवविज्ञान और गणित के प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी वायरल हुई। इस ग्रुप में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्रधानाचार्य और शिक्षक जुड़े हैं। आननफानन में प्रश्नपत्र को डिलीट किया गया लेकिन तब तक खबर फैल गई।
जिला परीक्षा पर्यवेक्षक डॉ मुकेश अग्रवाल ने जांच के निर्देश दिए हैं। मामले में डीआईओएस की ओर से केंद्र व्यवस्थापक समेत अन्य के विरुद्ध केस दर्ज करने के लिए तहरीर दी गई है।
जांच में पता चला है कि सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्रों के फोटो वायरल करने वाला मोबाइल नंबर अतर सिंह इंटर कॉलेज रौझोली किरावली के कंप्यूटर ऑपरेटर विनय चौधरी का निकला हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि व्हाट्सएप ग्रुप पर मोबाइल नंबर 9897525748 से प्रश्न पत्रों के फोटो विनय चौधरी ने वायरल किए। उसके खिलाफ थाना फतेहपुर सीकरी में मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है। इसके अलावा केंद्र व्यवस्थापक राजेंद्र सिंह, अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक गंभीर सिंह, स्टेटिक मजिस्ट्रेट डॉ.गजेंद्र सिंह के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है। प्रश्न पत्रों के फोटो किस उद्देश्य से वायरल किए गए, यह जांच के बाद सामने आएगा।
वहीं इस मामले में माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने कहा है कि नकल कराने के उद्देश्य से विनोद चौधरी द्वारा पेपर वायरल किया गया। इस मामले में संज्ञान लेते हुए डीआईओएस आगरा द्वारा विनय चौधरी और अन्य के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। हालांकि उन्होंने ये भी साफ किया है कि व्हाट्सएप ग्रुप पर जीव विज्ञान और गणित का पेपर जब तक आया, तब तक 1 घंटा 10 मिनट की परीक्षा हो चुकी थी। इस वजह से परीक्षाओं की शुचिता प्रभावित नहीं हुई है।
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