स्वामी स्वरूपानंद के अयोध्या कूच को लेकर प्रशासन ने अधिग्रहित परिसर के पास बढ़ाई सुरक्षा

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अयोध्या। द्वारिकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के 19 फरवरी को अयोध्या कूच के कार्यक्रम के मद्देनजर अधिग्रहीत रामजन्म भूमि  परिसर की सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। अधिग्रहीत परिसर में निषेधाज्ञा के आदेश को सख्त करते हुए इसकी अवधि 7 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।
एडीएम पी डी गुप्ता के मुताबिक यह आदेश विभिन्न संगठनों के विवादित राम मंदिर परिसर में मंदिर निर्माण,शिलान्यास व सिंहद्वार के निर्माण के कार्यक्रमों के ऐलान को लेकर जारी किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके तहत 10 विंदुओं पर सख्ती से पालन करने का आदेश दिया गया है। अधिग्रहीत परिसर में केवल 15 लोग एक बार में प्रवेश मार्ग से ही प्रवेश कर सकेंगें। निषेधाज्ञा की अवधि तक अन्य मार्गो से प्रवेश पर रोक लगी रहेगी। राम लला के दर्शन मार्ग से निकास मार्ग तक न तो कहीं कोई रुकेगा और न ही व्यवस्था में कहीं बाधा पहुचाएगा। प्रतिबंधित वस्तुओं के साथ परिसर में प्रवेश पर कड़ाई से रोक लगाई गई है।
एडीएम के मुताबिक आइशोलेशन क्षेत्र में रामजन्म भूमि परिसर में ड्यूटी पर लगे मजिसट्रेट, अधिकारी व पुलिस फोर्स के अलावा केवल विवादित स्थल पर विराजमान राम लला के अस्थाई मंदिर के पुजारी को ही प्रवेश की अनुमति दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सख्ती से पालन करवाने व परिसर को सुरक्षित रखने के लिए निषेधाज्ञा आदेश को सख्त किया गया है। जिससे अयेाध्या में शांति व्यवस्था को भी बनाए रखा जा सके।
इस बीच अयोध्या के मंदिरो धर्मशालाओं व होटलों आदि मे ठहरने वाले यात्रियो का ब्योरा खंगाला जा रहा है।
दरअसल शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने अयोध्या में शिला पूजन के लिए जाने का रूट चार्ट सोमवार को जारी कर दिया था। इस यात्रा को रामाग्रह यात्रा नाम दिया गया है। शंकराचार्य ने कुंभ में ऐलान किया था कि वह 21 फरवरी को साधू-संतों के साथ अयोध्या जाकर वहां श्रीराम मंदिर के लिए शिला पूजन करेंगे। उन्होंने कहा है कि संतों को सरकार पर भरोसा नहीं है इसीलिए यह कदम उठाया है।

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