पैसा डबल करने वाली गैंग का भंडाफोड़, आठ गिरफ्तार

नई दिल्ली: पश्चिम दिल्ली के नारायणा थाना पुलिस ने निवेश के बाद जीएसटी अकाउंट में डबल मुनाफा का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह भांडाफोड कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान सुरेंद्र, हरीश कुमार, अनूप कुमार गुप्ता, परमानन्द, शैलेन्द्र, निशांत मोहन कुमार, पिंकू और राजीव के रूप में हुई। आरोपियों के पास से 15.59 लाख नकद रुपए, करीब एक लाख का गोल्ड और 12 मोबाइल बरामद किया गया है। इनमें से एक आरोपी द्वारका में प्राइवेट सिक्योरिटी ऑफिसर के रूप में काम करता है। उसी ने अपने दो और साथियों के साथ मिलकर नकली क्राइम ब्रांच का ऑफिसर बनाकर रेड किया था। इसके बाद पुलिस ने पूरे मामले का भंडाफोड़ किया है।

पश्चिम दिल्ली के डीसीपी विचित्र वीर ने बताया कि 22 फरवरी को पैसों से भरा बैग लूटने की सूचना मिली थी। पीड़ित ने बताया कि पिंकू ने उसे राजीव, निशांत और रोहित से मिलवाया था। इन तीनों ने 25 लाख निवेश करने पर 50 लाख रुपये देने का झांसा दिया था। आरोपियों ने बताया था कि अगर वह निवेश करता है तो उसके जीएसटी अकाउंट में आरटीजीएस के माध्यम से 50 लाख रुपये वापस मिलेंगे। पीड़ित राजीव, निशांत और रोहित को पैसा देने के लिए नारायणा स्थित उनके ऑफिस पहुंचा। इसी दौरान आरोपियों का एक साथी सुरेन्द्र, हरीश शर्मा, अनूप आदि ने खुद को क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बताकर ऑफिस पर छापा मारा। इसके बाद पूछताछ के बहाने राजीव, निशांत और रोहित को अपने साथ ले गए। ठग पैसों का बैग लेकर चले गए।

जांच के दौरान पिंकू से पूछताछ की गई क्योंकि उसने ही पीड़ीत को उन लोगों से मिलवाया था। वह भी इस मामले में शामिल निकला इसलिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। जांच के आधार पर राजीव और निशांत मोहन कुमार को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने खुलासा किया कि वे झूठे वादे पर लोगों को धोखा देने के लिए एक रैकेट चला रहे हैं। उन्होंने नारायणा में प्रेमानंद के नाम पर एक कार्यालय किराए पर लिया था। उन्होंने खुलासा किया कि पिंकू लोगों को अपने कार्यालय में निवेश करने के लिए प्रेरित करने का काम दिया था और अगर वे उन्हें कुछ हिस्सा देते थे। हापुड, गाजियाबाद, मेरठ, जयपुर में छापेमारी कर आरोपी शैलेंदर , अनूप, परमानंद, हरीश और सुरेंद्र पाल को गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तार आरोपियों में से एक सुरेंद्र पाल द्वारका में पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर के रूप में काम करता है। वह भी प्लान का हिस्सा था, जो फेक रेड करके वहां से 25 लाख अमाउंट रखा हुआ बैग लेकर निकल गया था। उसके साथ उसके दूसरे सहयोगी शेर सिंह और आरके यादव भी शामिल थे। जिनकी तलाश की जा रही है

 

 

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