नई दिल्ली: दिल्ली के दक्षिण जिले के साइबर थाना पुलिस ने गूगल सेवा देने फर्जी कस्टमर केयर नंबर के माध्यम से लोगों को ठगने वाले गिरोह का भांडाफोड किया है। पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान बिहार निवासी 23 वर्षीय रितिक कुमार, 20 वर्षीय मनीष कुमार और 28 वर्षीय संजय कुमार के रुप में हुई है। उनके पास से छह मोबाइल फोन, एक पासबुक, एक आधार कार्ड और एक सिम बरामद किया गया है।
दक्षिण दिल्ली के डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि पंचशील पार्क निवासी एक महिला शिकायत में बताया कि उसने एक घरेलू आटा मशीन खरीदी थी जो खराब पाई गई। उसने इसकी वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराई जिसमें दो संपर्क नंबर मिले। उसने उन नंबरों पर संपर्क किया जहां उसे बताया गया की आटा मशीन वापस ले लेंगे और पैसे वापस कर दिए जाएंगे। पीड़िता ने पैसे वापस पाने के लिए अपना पेटीएम पेमेंट वॉलेट नंबर दिया, लेकिन उसके खाते से 1,29,000/- रुपये की धोखाधड़ी की गई। पुलिस ने साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पैसा जिन बैंक खातों में स्थानांतरित किया गया था उनका विवरण लिया गया। उस मोबाइल फोन नंबर का सीडीआर निकाल कर नंबर निगरानी में रखा गया।
डीसीपी ने बताया कि बैंक लेनदेन के विवरण की मदद से यह पता चला कि धोखाधड़ी का पैसा पटना निवासी संजय कुमार के नाम पर पंजीकृत खाते में भेजा गया था, उसी दिन झारखंड के जामताड़ा से एटीएम के माध्यम से पैसा निकाला गया था। धोखाधड़ी के पैसे का उपयोग गूगल इंडिया पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया पाया गया। जो विज्ञापन का लाभ उठाने के लिए भुगतान किया था। टिम ने पटना छापेमारी कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान बिहार निवासी 23 वर्षीय रितिक कुमार, 20 वर्षीय मनीष कुमार और 28 वर्षीय संजय कुमार के रुप में हुई है। उनके पास से छह मोबाइल फोन, एक पासबुक, एक आधार कार्ड और एक सिम बरामद किया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपी संजय ने खुलासा किया कि कथित बैंक खाता खोलने के लिए उसके चचेरे भाई मनीष ने छह हज़ार रुपए दिए थे। मनीष ने संजय का बैंक खाता अपने दोस्त रितिक को बेच दिया था जो कमीशन पर बैंक खाते खरीदता था। सह-अभियुक्त रितिक ने खुलासा किया कि वह अपने दोस्तों के साथ जुड़ा हुआ है, जिनके झारखंड के जामताड़ा में संबंध हैं। जिन्होंने गूगल विज्ञापन के माध्यम से विभिन्न सेवाएं देने हेतु गूगल पर नकली ग्राहक सेवा मोबाइल नंबर पोस्ट किए थे। उसने एटीएम कार्ड, लिंक्ड मोबाइल सिम किसी अन्य व्यक्ति को कमीशन पर दे दिया था और गूगल विज्ञापन की सेवा का लाभ उठाने के लिए धोखाधड़ी के पैसे गूगल को भुगतान कर दिया। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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