मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने चेकिंग के दौरान जब्त गुटखे से बना डाली जैविक खाद

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लखनऊ मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (LMRC) स्टेशनों पर तलाशी के दौरान बरामद गुटखे और मेस में बचने वाली खाद्य सामग्री से खाद बनाने का काम कर रहा है। एलएमआरसी ने खाद बनाने के लिए वेस्ट डिकम्पोज़ मशीन लगा रखी है।
मेट्रो स्टेशनों पर सफर करने से पहले होने वाली चेकिंग में ज्यादातर यात्रियों की जेब से गुटखा निकलता है और मेट्रोकर्मी उसे जमा कर लेते हैं और यात्री को आगे भेज देते हैं। ये जब्त गुटखा ट्रांसपोर्ट नगर के 43 एकड़ में फैले लखनऊ मेट्रो के बगीचे में इस्तेमाल हो रहा है। डिकम्पोज़ किया हुआ गुटखा खाद की शक्ल लेकर हरियाली बढ़ा रहा है। पिछले 15 महीनों में दस हजार किलो गुटखे से एक हजार किलो खाद बनाई जा चुकी है।
मेट्रो के अधिकारी कहते हैं कि जैविक खाद का प्रयोग ही डिपो में किया जाता है। रोज सफर करने वाले यात्रियों से ज्यादा परीक्षाओं के दौरान या रैलियों के दौरान जुटी भीड़ से भारी मात्रा में गुटखा बरामद किया जाता है और जब 23 किमी. के रूट पर मेट्रो चलेगी तो शुरुआती दौर में गुटखा ज्यादा मात्रा में मिलने की संभावना रहेगी।
पार्क में बनाई गई पिट में यही खाद 30 दिनों में तैयार होती है जबकि वेस्ट डिकम्पोज़ मशीन की मदद से यह खाद मात्र 7 दिनों में ही तैयार हो जाती है और गुटखे के रैपर को हम नगर निगम को सौंप देते हैं। KGMU के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के एसो. प्रोफेसर डॉ. वेदप्रकाश कहते हैं कि
मुँह, फेफड़े और पेट का कैंसर फैलाने वाले गुटखे से खाद बनाना एक सराहनीय पहल है। इससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, साथ ही जितना गुटखा खाद बनाने में इस्तेमाल हो गया, कम से कम उतना गुटखा खाने से लोग तो बच गए।

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