कैश कलेक्शन एजेंट से 50 लाख की लूट में महिला समेत पांच आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में कैश कलेक्शन एजेंट से 50 लाख रुपये की लूट के मामले में पुलिस ने महिला समेत पांच आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से लूटी गई रकम में से 4.5 लाख रुपये कैश और लूट की रकम से खरीदी गई कार बरामद की है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान 29 वर्षीय मोनिका निवासी मुरथल सोनीपत, 26 वर्षीय गौरव लधवाल निवासी शाहबाद डेयरी, 27 वर्षीय राहुल सोरे उर्फ हरीश निवासी शाहबाद डेयरी, 21 वर्षीय करण उर्फ गंजा निवासी सोनीपत ओर 25 वर्षीय अजय उर्फ सुम्मो निवासी मुरथल सोनीपत के रुप में हुई है। जिनमें आरोपी मोनिका लूट की मास्टरमाइंड है।

उतरी जिले के डीसीपी मनोज कुमार मीना ने बताया कि सिविल लाइंस इलाके में रात करीब 9.30 बजे कलेक्शन एजेंट चांदनी चौक से 50 लाख रुपये की पेमेंट लेकर खजूरी जा रहा था। इस बीच बाइक सवार दो बदमाशों ने पिस्टल दिखाकर पीड़ित से रुपयों का बैग लूट लिया। बाद में आरोपी फरार हो गए। सिविल लाइंस थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मामले की जांच के लिए तीन अलग-अलग टीमों का गठन किया गया।

पुलिस ने घटना स्थल से चांदनी चौक, शाहबाद डेयरी तक करीब 500 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। चांदनी चौक में पीड़ित ने जहां से पेमेंट लिया था, वहां सीसीटीवी में पुलिस को दो संदिग्ध युवक दिखाई दिए। उनके साथ लुटेरे भी दिखे। दोनों संदिग्ध ने लुटेरों को टारगेट दिखाया और मेट्रो में सवार होकर शाहबाद डेयरी आ गए। पुलिस ने पहचान दोनों आरोपी गौरव और राहुल को गिरफ्तार किया। दोनों ने बताया कि इनको चांदनी चौक में कैश मूवमेंट की अच्छी जानकारी रहती है। यह सूचना उन्होंने लूट की मास्टर माइंड मोनिका को दी थी। पुलिस की टीम फौरन मुर्थल, सोनीपत पहुंची और उसने मोनिका उर्फ मोना को दबोच लिया। उसकी दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम उत्तर-प्रदेश के गैंगस्टरों से ठीक-ठाक पहचान है। उसने जेल के संपर्क के जरिये अमित और अजय का इंतजाम किया।

आरोपी मोना ने बताया कि पुलिस से बचने के लिए जांगी एप और वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल करती है। इससे पुलिस उनकी लोकेशन ट्रेस नहीं कर पाती है। पूछताछ के बाद वारदात में अंजाम देने में अमित और करन के नाम सामने आए। अजय ने लूट की रकम से ब्रेजा कार खरीदी है। पुलिस से बचने के लिए वह उत्तराखंड भाग गया है। जांच के दौरान अजय सुम्मो की आखिरी लोकेशन भारत-नेपाल बॉर्डर की मिली। वहीं अमित की लोकेशन पंजाब की आई। एक टीम को चंपावत भेजा गया। जहां वन विभाग के अधिकारियों की मदद से टीम आरोपियों की तलाश में करीब 25 किलोमीटर जंगल में गई। वहां पता चला कि अजय और करन एक गेस्ट हाउस में रुके थे, लेकिन टीम के पहुंचने पहले ही आरोपी वहां से भागकर और अंदर घने जंगल में चले गए। लोकल गार्ड से गाड़ी का पता चला। बाद में अंदर एक झोपड़ी में छिपे दोनों आरोपियों को दबोच लिया गया। छानबीन में पता चला कि अमित गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत पर था।

डीसीपी ने बताया कि मोनिका ने जेल बंद अपने जानकारों की मदद से लूटपाट के लिए गाजियाबाद के अमित और सोनीपत के अजय सुम्मो की मदद से वारदात को अंजाम दे दिया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए अमित ने गाजियाबाद की डासना जेल में एक पुराने मामले में सरेंडर कर दिया है। दिल्ली पुलिस ने आरोपी अमित की गिरफ्तारी के लिए अदालत से औपचारिक आदेश प्राप्त कर लिया है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की जाएगी। फिलहाल मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है

 

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