नई दिल्ली: जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिष ने पूकोडे केरल पशु चिकित्सा एवं पशुपालन विश्वविद्यालय में द्वितीय वर्ष के छात्र सिद्धार्थ को प्रताड़ित कर हत्या करने पर एसएफआई का विरोध प्रदर्शन और पुतला दहन किया एवं इस घटना में शामिल सभी आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
अभाविप का यह प्रदर्शन शिक्षण संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा और तनावमुक्त वातावरण बनाने के लिए एवं एसएफआई द्वारा छात्रों पर प्रताड़ना एवं अत्याचार के विरोध में एक महत्वपूर्ण कदम है।
छात्र सिद्धार्थ ने 18 फरवरी को विश्वविद्यालय के छात्रावास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सीपीएम और एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने सिद्धार्थ के साथ लगातार तीन दिनों तक मार पीट एवं हिंसा की और उससे मानसिक रूप प्रताड़ित किया, जिसके कारण उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पुलिस द्वारा जांच में एसएफआई के 18 कार्यकर्ताओं को दोषी पाते हुए गिरफ्तारी हुई है। अभाविप ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की निंदा करते हुए कहा कि शिक्षण संस्थानों में वामपंथी संगठनों द्वारा छात्रों के विरुद्ध बढ़ती हिंसा और अराजकता का एक ज्वलंत उदाहरण है। अभाविप जेएनयू ने सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की।
अभाविप जेएनयू के अध्यक्ष उमेश चंद्र अजमीरा ने कहा, “एसएफआई द्वारा छात्रों पर लगातार किए जा रहे हमले निंदनीय हैं। यह संगठन छात्रों के बीच भय, विषाद, हिंसा और भेदभाव फैलाने का काम कर रहा है। हम सरकार से मांग करते हैं कि एसएफआई के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।”
वहीं जेएनयू इकाई मंत्री विकास पटेल ने कहा, “यह घटना शिक्षण संस्थानों में बढ़ती हिंसा और अराजकता का एक गंभीर चिंता का विषय है। सरकार को इस मामले पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और दोषियों को सख्त सजा देनी चाहिए।”
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