दिल्ली पुलिस ने किया फर्जी वीजा गिरोह का भांडाफोड, 8,5 लाख नगद और 235 नकली वीज़ा समेत पांच गिरफ्तार

नई दिल्ली: नई दिल्ली जिले के स्पेशल स्टाफ ने फर्जी वीजा देकर लाखों रुपए ठगने वाले एक गिरोह का भांडाफोड किया है। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान पंजाब के जालंधर निवासी 49 वर्षीय सूरज बाहरी, 30 वर्षीय अश्वनी कुमार, 40 वर्षीय जसविंदर सिंह और पालम दिल्ली निवासी 51 वर्षीय मनीष शर्मा एवं भलस्वा डेयरी निवासी 38 वर्षीय जितेंद्र कुमार के रुप में हुई है। पुलिस ने उनके पास से सात मोबाइल फ़ोन, दो प्रिंटर, एक स्कैनर, एक लेमिनेशन मशीन, तीन लैपटॉप, 235 नक़ली वीज़ा पेपर और 8.5 लाख नकद बरामद किया है।

नई दिल्ली जिले के डीसीपी देवेश कुमार महेला ने बताया कि पंजाब निवासी कुलविंदर सिंह ने कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि बीती 20 जनवरी को चंडीगढ़ के एलांते मॉल में कुछ लोगों से उनकी मुलाकात हुई थी, जिन्होंने 18 लाख में कनाडा का वीजा दिलाने का वायदा किया था। इसके बाद कागजी कार्यवाही के नाम पर 9.30 लाख रुपये ले लिए। बाकी के पैसे वीजा मिलने के बाद देना था। बाद में उसे दिल्ली के महिपालपुर में बाकी के नौ लाख रुपए जमा कर वीजा और हवाई यात्रा का टिकट ले जाने को कहा गया। बीती 24 फरवरी को उसे कनाट प्लेस में आंध्र कैंटीन में ले गए और वहां नौ लाख रुपये ले लिए। और रुपये के बदले कनाडाई डालर देने के नाम पर सवा लाख रुपये ले लिए। कुलविंदर को आरएमएल अस्पताल गेट पर मिलकर डालर, पासपोर्ट और टिकट देने को कहा। वहां देर इंतजार करने पर कुलविंदर को आरोपितों के फोन बंद मिले और उन्हें अपने साथ हुई धोखाधड़ी का अहसास हुआ। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू की।

डीसीपी ने बताया कि टीम ने आस पास और रूट के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, फुटेज के विश्लेषण में दो संदिग्धों की पहचान की। सीडीआर से उनकी लोकेशन जालंधर, पंजाब में पाई गई। एक टीम ने जालंधर में छापा मारकर सूरज बाहरी उर्फ सोने उर्फ सौरभ सिंगला, अश्वनी कुमार उर्फ साहिल और जसविंदर सिंह को पकड़ लिया। पूछताछ में तीनों ने ठगी में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। उनके पास से 8.5 लाख नकद, मोबाइल फोन, लैपटाप, प्रिंटर ओर नकली मोहरे व जाली टिकटें बरामद की। आगे की जांच में सूरज बाहरी ने फर्जी वीजा के स्रोत के रूप में दिल्ली में मनीष शर्मा की पहचान की। पुलिस ने मनीष शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में मनीष शर्मा ने बताया कि जतेंद्र सिंह ने फर्जी वीजा तैयार किया था और यूपीआई से पेमेंट लिया था। बाद में जितेंद्र कुमार को गिरफ्तार कर उसके पास से वीजा के कागजात जब्त कर लिए गए।

पुलिस ने उनके पास से सात मोबाइल फ़ोन, दो प्रिंटर, एक स्कैनर, एक लेमिनेशन मशीन, तीन लैपटॉप, 235 नक़ली वीज़ा पेपर और 8.5 लाख नकद बरामद किया है। गिरोह ने अबतक कितने लोगों के साथ धोखाधड़ी की इसका पता लगने का प्रयास कर रही है। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।

 

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