पूजा पर ‘सप्रीम’ इनकार पर ओवैसी ने की टिप्पणी, याद दिलाया पूजा स्थल अधिनियम

राष्ट्रीय जजमेंट

हैदराबाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने व्यास जी तहखाने से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, सर्वोच्च अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद के दक्षिणी तहखाने के भीतर हिंदू समुदाय द्वारा की जा रही पूजा-पाठ को रोकने से इनकार कर दिया है। कोर्ट के इसी फैसले के बाद ओवैसी ने पूजा स्थल अधिनियम का जिक्र करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम भारतीय संविधान के तहत धर्मनिरपेक्षता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को लागू करने के लिए एक अक्षुण्ण दायित्व निर्धारित करता है…गैर-प्रतिगमन मौलिक संवैधानिक सिद्धांतों की एक मूलभूत विशेषता है जिसमें धर्मनिरपेक्षता एक मुख्य घटक है। इस प्रकार पूजा स्थल अधिनियम एक विधायी हस्तक्षेप है, जो हमारे धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की एक अनिवार्य विशेषता के रूप में गैर-प्रतिगमन को संरक्षित करता है।सुप्रीम कोर्ट का यथास्थिति बनाए रखने का आदेश सोमवार को अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए कि 17 जनवरी और 31 जनवरी के आदेशों के बाद भी मुस्लिम वर्ग द्वारा ज्ञानवापी में नमाज अता की जा रही है। वहीं हिंदू पुजारी द्वारा भी तहखाने में पूजा की जा रही है। ऐसे में यथास्थिति को बनाए रखना सही है। सुप्रीम कोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की अपील पर हिंदू पक्ष को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More