नई दिल्ली: दिल्ली के शकरपुर थाना पुलिस ने समलैंगिकों को ब्लैकमेल कर सेक्सटॉर्शन करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के सरगना समेत पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गिरोह के सरगना शकरपुर निवासी 31 वर्षीय हिमांशु गुप्ता, 25 वर्षीय शिशांत कुमार, 23 वर्षीय शादाब उर्फ अंजुम, गौरव कश्यप उर्फ लालू, 22 वर्षीय दीपांशु कुमार उर्फ चिंटू के रूप में हुई है। गिरोह अबतक 50 से अधिक लोगों को निशाना बनाकर रकम वसूल चुके हैं। इनके पास से एक मोबाइल बरामद किया है, जिसमें पीड़ितों के अश्लील वीडियो भी मिले हैं।
पुर्वी दिल्ली के डीसीपी अपूर्वा गुप्ता ने बताया कि एक शख्स ने रविवार को पुलिस को लूट की सूचना दी थी। पीड़ित ने बताया कि वह नोएडा में नौकरी करता है। पीड़ित ने बताया कि वह शादीशुदा है और समलैंगिक है। वह एक डेटिंग ऐप के जरिये 29 मार्च को एक युवक के संपर्क में आया था। दोनों ने एक दूसरे को अपने फोटो भेजे और निर्माण विहार मेट्रो स्टेशन के पास मिलने का तय किया। उसी दिन शाम को युवक कार से वहां पहुंचा और पीड़ित को अपने साथ शकरपुर ले गया। आरोपित ने कार एक सुनसान जगह खड़ी कर दी और कोई कुछ देखा न इसलिए बाहर से कार पर कवर ढक दिया। आरोपी ने किसी तरह पीड़ित के कपड़े उतरवा दिए। तभी चार लोग कवर हटाकर कार में जबरन घुस गए। एक युवक ने पीड़ित का अश्लील वीडियो बना लिया और पीड़ित से उसका मोबाइल भी ले लिया। पीड़ित से 20 हजार रुपये मांगने लगे, रुपये न देने पर वीडियो इंटरनेट पर शेयर करने की धमकी देने लगे।
डीसीपी ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर टीम का गठन किया। टीम ने सीसीटीवी कैमरों के जरिये कार की पहचान की। पता चला कार शकरपुर निवासी दीपक गुप्ता के नाम पंजीकृत है और वह सीपी में छोले भठूरे बेचता है। जिसे कार उसका छोटा भाई हिमांशु इस्तेमाल करता है। पुलिस ने हिमांशु को शकरपुर से गिरफ्तार किया। बाद में उसके बाकी सहयोगियों को भी उसी इलाके से गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों को पकड़कर उनके मोबाइल फोन की जांच की गई। आरोपी गौरव के कब्जे से पीड़ित का फोन भी बरामद किया गया। आरोपी गौरव और शिशांत के मोबाइल फोन के डिलीटेड फोल्डर में मौजूदा पीड़िता का वीडियो तथा 6 मार्च और 17 मार्च को वीडियोग्राफ किए गए दो और ऐसे वीडियो मिले हैं।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने 50 से अधिक ऐसे आपराधिक कृत्य किए हैं, क्योंकि पीड़ित सामाजिक शर्मिंदगी के डर से पुलिस को मामले की सूचना नहीं देते हैं। आरोपी हिमांशु इस गिरोह का सरगना है। पहले भी उसे 2018 में इसी तरह की लूट और जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है। जेल से छूटने के बाद उसने फिर से वही अपराध करना शुरू कर दिया, पिछले मामले में वह पीड़ित के घर गया और उसके बाद उसके दो साथी खुद को दिल्ली पुलिस अधिकारी बताकर घर में घुसे और पीड़ित को लूट लिया। इसके बाद उन्होंने पीड़ित से पैसे ऐंठने की कोशिश की, तभी पीड़ित ने अपनी शिकायत दर्ज कराई। अब वह पीड़ित के साथ अपनी कार में घूमने लगा। जेल से छूटने के बाद उसने 50 से अधिक ऐसी वारदातें करने की बात कबूल की है।
आरोपी गौरव सरगना हिमांशु का करीबी सहयोगी और दोस्त है। वह आमतौर पर वीडियो बनाता है और पीड़ित को कॉल करता है। आरोपी शिशांत एक शातिर अपराधी है। पहले दो आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी दीपांशु पहले भी डकैती के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। आरोपी शादाब मूल रूप से किशनगंज, बिहार का रहने वाला है। उसके पिता सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है।
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