हेग। पुलवामा हमले के विरोध में एक भारतीय अफसर ने अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में पाकिस्तानी अधिकारियों से हाथ नहीं मिलाया। यह वाकया भारतीय नौसेना के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई के दौरान हुआ। पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई थी। इसका भारत आईसीजे में विरोध कर रहा है।
सुनवाई के दौरान भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल और पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान आमने-सामने आ गए। अनवर मंसूर ने मित्तल की ओर हाथ बढ़ाया, लेकिन उन्होंने हाथ जोड़कर इस इस मुलाकात को टाल दिया। इससे पहले भी सुनवाई के दौरान आतंकी हमलों के मद्देनजर भारतीय अधिकारियों ने पाक अफसरों से हाथ नहीं मिलाया था।
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इससे पहले 15 मई 2017 को भी इस मामले पर आईसीजे में सुनवाई हुई थी। इस दौरान दीपक मित्तल ने कोर्ट को पूरे मामले के बारे में बताया था।
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कार्यवाही के दौरान जब पाकिस्तान के वकील मोहम्मद फैजल ने मित्तल की तरफ हाथ बढ़ाया, तब उन्होंने हाथ नहीं मिलाया था। उन्होंने हाथ जोड़ लिए थे।
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2017 में मई में ही वित्त मंत्री अरुण जेटली एक कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए जापान गए थे। इस दौरान पाकिस्तान के तत्कालीन वित्त मंत्री इशाक डार भी मंच पर ही मौजूद थे। लेकिन, जेटली ने उनसे हाथ नहीं मिलाया।
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तब भारत और पाकिस्तान के बीच सितंबर 2016 में उड़ी के आर्मी कैंप पर हुए हमले को लेकर तनाव चल रहा था। इस हमले में भारत के 17 जवान शहीद हुए थे।
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18 फरवरी को शुरू हुई सुनवाई के महज चार दिन पहले 14 फरवरी को पुलवामा में जैश के आतंकियों ने सीआरपीएफ पर आतंकी हमला किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।
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आईसीजे में सुनवाई के दिन ही पुलवामा से 10 किमी दूर पिंग्लेना में भारतीय सुरक्षा बलों ने हमले के मास्टर माइंड राशिद गाजी समेत दो आतंकियों को मार गिराया।