राज कपूर : 11 साल की उम्र में एक्टिंग और 24 की उम्र में खोली प्रोडक्शन कंपनी, हिंदी सिनेमा के शोमैन थे राज कपूर

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

राज कपूर ने 9 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स अपने नाम किए थे। उनकी फिल्म ‘अवारा’ और ‘बूट पोलिश’ को कांस फिल्म फेस्टिवल में पाल्मे डी ओर के लिए नॉमिनेटेड भी किया गया था। साथ ही उनको बेहतरीन अभिनय के लिए साल 1971 में पद्म भूषण और 1988 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया।आज ही के दिन यानी की 02 जून को भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता राज कपूर का निधन हो गया था। वह हिंदी सिनेमा के शोमैन कहे जाते थे। बता दें कि राज कपूर ने महज 11 साल की उम्र से ही फिल्मों में काम करना शुरूकर दिया था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कई शानदार फिल्मों में काम किया। बता दें कि पाकिस्तान के पेशावर में 14 दिसंबर 1929 को पृथ्वीराज कपूर के घर जन्मे राज कपूर अपने पिता के नक्शेकदम पर चले और इंडस्ट्री में खूब नाम और शोहरत कमाया। राज कपूर का भारतीय सिनेमा में बड़ा योगदान रहा है। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर राज कपूर के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में.बता दें कि 2 जून 1988 को 63 साल की उम्र में अस्थमा के कारण राज कपूर का निधन हो गया था। राज कपूर के दुनिया से अलविदा कहने के बाद उनकी विरासत को तीनों बेटों ऋषि कपूर, रणधीर कपूर और राजीव कपूर ने संभाली थी। राज ने कई फिल्मों को प्रोड्यूस और डायरेक्ट किया था। उन्होंने महज 11 साल की उम्र में हिंदी सिनेमा में काम करना शुरूकर दिया था। राज कपूर पहली बार फिल्म ‘इंकलाब’ में नजर आए थे। राज कपूर के डायरेक्शन में बनी पहली फिल्म ‘आग’ थी। इस फिल्म में हिंदी सिनेमा की फेमस अभिनेत्री नरगिस के साथ उनको लीड रोल में देखा गया था। इसके बाद राज कपूर और नरगिस कई फिल्मों में नजर आए, इन दोनों की जोड़ी हिट थी। आपको बता दें कि राज कपूर ने 9 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स अपने नाम किए थे। उनकी फिल्म ‘अवारा’ और ‘बूट पोलिश’ को कांस फिल्म फेस्टिवल में पाल्मे डी ओर के लिए नॉमिनेटेड भी किया गया था। साथ ही उनको बेहतरीन अभिनय के लिए साल 1971 में पद्म भूषण और 1988 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया।राज कपूर की शादी कृष्णा से हुई थी। लेकिन इसके बाद भी वह नरगिस के प्यार में पड़ गए। राज और नरगिस का इश्क इंतेहा था। बताया जाता है कि नरगिस इस कदर राज कपूर के प्यार में पागल थीं कि उनकी फिल्म में पैसा लगाने के लिए अपने गहने तक बेच दिए थे। नरगिस और राज ने 9 सालों तक मोहब्बत का सफर तय किया। लेकिन इस प्यार को मंजिल नहीं मिल सकी। इसका कारण यह था कि राज कपूर अपने प्यार के लिए अपनी पत्नी को नहीं छोड़ सकते थे। जिसके बाद दोनों की राहें जुदा हो गईं और नरगिस ने अभिनेता सुनील दत्त से शादी कर ली। लेकिन राज यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सके और वह दुखों में डूब गए। नरगिस की शादी के बाद राज कपूर के रातों की नींद उड़ गई। बताया जाता है कि वह सारी रात बाथटम में बैठकर शराब पीते रहते और रोते रहते थे। जब भी उनको नरगिस की याद आती थी तो वह खुद को सिगरेट से जला लेते थे। राज कपूर का जीवन और प्रेम कहानी किसी फिल्म की स्क्रिप्ट जैसी थी। भले ही वह आज हमारे बीच हिंदी सिनेमा के शोमैन नहीं हैं, लेकिन वह अपने शानदार अभिनय और फिल्मों के जरिए दर्शकों के दिलों में जिंदा है। श्री 420′, ‘संगम’, ‘आवारा’, ‘बरसात’, ‘चोरी चोरी’, ‘छलिया’, ‘तीसरी कसम’, ‘बॉबी’, ‘सत्यम शिवम सुंदरम’, ‘अनाड़ी’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘प्रेम रोग’ और ‘राम तेरी गंगा मैली’ जैसी राज कपूर की कई यादगार फिल्मों में काम किया। आज भी राज कपूर की फिल्में एवर हिट फिल्मों की लिस्ट में शामिल है।

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