नीट-यूजी 2024 के नतीजों पर क्यों मचा है बवाल, कांग्रेस भी उठा रही सवाल, जानें क्या है पूरा मामला?

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

लोकसभा चुनाव नतीजों की सरगर्मियों के बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (छज्।) ने 4 जून को नेशनल एलिजिबिलिटी-कम-एंट्रेंस टेस्ट, अंडरग्रेजुएट (छम्म्ज् न्ळ) के नतीजे जारी कर दिए। छम्म्ज्-न्ळ परीक्षा भारत भर के सरकारी और निजी संस्थानों में मेडिकल, डेंटल और आयुष पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन है। 5 मई को 571 शहरों में आयोजित छम्म्ज् न्ळ परीक्षा में लगभग 2.4 मिलियन उम्मीदवारों ने भाग लिया, जिसमें भारत के बाहर 14 केंद्र भी शामिल थे। परीक्षा में देश भर में 700 से अधिक चिकित्सा संस्थानों में वितरित 1,08,940 उपलब्ध एमबीबीएस सीटों को भरने की मांग की गई थी।परिणामों के प्रकाशन ने एक असामान्य घटना के कारण तत्काल ध्यान आकर्षित किया, 67 उम्मीदवारों ने 720 में से 720 का सही स्कोर हासिल किया, जिससे सही रैंक एआईआर 1 हासिल हुई। इसके अलावा, 718 या 719 अंक प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के संबंध में विसंगतियां सामने आईं, संदेहियों ने ऐसा माना परीक्षा के ढांचे के भीतर स्कोर अविश्वसनीय है। कई अभ्यर्थियों ने पहले आरोप लगाया था कि अंकों में बढ़ोतरी के कारण रिकॉर्ड 67 अभ्यर्थियों ने शीर्ष रैंक हासिल की है, जिनमें से छह हरियाणा के एक ही परीक्षा केंद्र से हैं।718 और 719 पर भ्रम718 और 719 स्कोर करने वाले उम्मीदवारों के उदाहरणों को एनटीए द्वारा उचित ठहराया गया था क्योंकि कुछ केंद्रों पर परीक्षा के दौरान समय की कमी का सामना करने वाले व्यक्तियों को प्रतिपूरक अंक दिए गए थे। अपर्याप्त समय आवंटन से संबंधित शिकायतों को विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा संबोधित किया गया था, जो उम्मीदवारों की उत्तर देने की दक्षता और समय की हानि के आधार पर मुआवजे का निर्धारण करती थी। पटना में लीक हुए प्रश्नपत्र के आरोपों का एनटीए ने जोरदार खंडन किया। जबकि मामले की जांच जारी है, अधिकारियों के साथ एजेंसी के सहयोग पर जोर देते हुए, प्रतिरूपण से संबंधित गिरफ्तारियां की गईं।याचिकाएँ और दलीलें दायर की गईंइन चिंताओं के जवाब में, कानूनी चुनौतियाँ पैदा हुई हैं, विभिन्न उच्च न्यायालयों में दो याचिकाएँ दायर की गई हैं, जिनमें परिणामों की वैधता को चुनौती दी गई है। गौरतलब है कि 1 जून को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें प्रश्नपत्र लीक होने के संदेह का हवाला देते हुए परीक्षा के पुनर्मूल्यांकन का आग्रह किया गया था। ऐसा तब हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने इसी तरह की याचिका पर विचार करते हुए परिणामों के प्रकाशन को रोकने से इनकार कर दिया था।एनटीए की सफाईराष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने स्पष्ट किया कि नीट-यूजी में ‘कटऑफ’ और उच्च अंक हासिल करने वालों की संख्या में वृद्धि परीक्षा की प्रतिस्पर्धी प्रकृति को दर्शाती है और परीक्षा की शुचिता से समझौता नहीं किया गया है। अधिकारी ने कहा, 2023 में परीक्षा देने वालों की संख्या 20,38,596 थी, जबकि 2024 में परीक्षार्थियों की संख्या बढ़कर 23,33,297 हो गई। परीक्षार्थियों की संख्या में वृद्धि से स्वाभाविक रूप से उच्च अंक हासिल करने वालों की संख्या में वृद्धि हुई। कुछ छात्रों को दिए गए कृपांकों (ग्रेस मार्क्स) पर एनटीए ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा,दिल्ली और छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालयों में कुछ याचिकाएं दायर की थीं, जिनमें कुछकेंद्रों पर परीक्षा समय की हानि को लेकर चिंता जताईगई थी। अधिकारी ने कहा, रिट याचिकाओं और प्रतिवेदनों के माध्यम से अभ्यर्थियों द्वारा परीक्षा समय की हानि के बारे में उठाई गई चिंताओं पर गौर किया गया और 1,563 अभ्यर्थियों को हुई समय की हानि के लिए भरपाई की गई तथा ऐसे अभ्यर्थियों के संशोधित अंक -20 से 720 अंकों के बीच हैं। इनमें से दो अभ्यर्थियों के अंक भी प्रतिपूरक अंकों के कारण क्रमशः 718 और 719 हैं।बना राजनीतिक मुद्दाकांग्रेस ने शुक्रवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट (स्नातक) में धांधली का आरोप लगाया और कहा कि इसकी उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच होनी चाहिए ताकि प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को न्याय मिल सके। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट किया, पेपर लीक, धांधली और भ्रष्टाचार नीट समेत कई परीक्षाओं का अभिन्न अंग बन गया है।इसकी सीधी ज़िम्मेदारी मोदी सरकार की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश के युवाओं को ठगा है। उन्होंने कहा, हमारी मांग है कि उच्चतम न्यायालय की देखरेख में एक उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए जिससे नीट व अन्य परीक्षाओं में भाग लेने वाले हमारे प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को न्याय मिले।कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने एक्स पर पोस्ट किया, पहले नीट परीक्षा का पेपर लीक हुआ और अब छात्रों का आरोप है कि इसके परिणाम में भी भ्रष्टाचार हुआ है। एक ही सेंटर के 6 छात्रों को 720 में से 720 अंक मिलने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं और कई तरह की अनियमितताओं की बातें सामने आ रही हैं। दूसरी ओर, परिणाम आने के बाद देश भर में कई बच्चों के आत्महत्या करने की खबरें हैं। यह बहुत दुखद और झकझोरने वाला है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार लाखों छात्रों की आवाज को अनसुना क्यों कर रही है?

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