फिरौती नहीं मिलने पर सात वर्षीय बच्चे की हत्या, दो मुजरिमों को फांसी की सजा सुनाई गई

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज़

इंदौर में चार करोड़ रुपये की फिरौती नहीं मिलने पर सात साल के अगवा बच्चे की हत्या के जुर्म में जिला अदालत ने दो मुजरिमों को सोमवार को फांसी की सजा सुनाई। पीड़ित पक्ष के एक वकील ने यह जानकारी दी।पीड़ित पक्ष के वकील आशीष एस. शर्मा ने संवाददाताओं को बताया कि विशेष न्यायाधीश देवेंद्र प्रसाद मिश्रा ने सात वर्षीय हर्ष चौहान की हत्या के मामले में विक्रांत ठाकुर (25) और रितिक ठाकुर (23) को भारतीय दंड संहिता की धारा 364 (हत्या के लिए अपहरण), धारा 302 (हत्या) और अन्य संबद्ध प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया।उन्होंने कहा कि अदालत ने इस हत्याकांड को विरल से भी विरलतम प्रकरण की श्रेणी में रखते हुए दोनों मुजरिमों को मृत्युदंड सुनाया। शर्मा ने बताया कि विक्रांत और रितिक ने पांच फरवरी 2023 को पिगडंबर क्षेत्र से हर्ष चौहान को आपराधिक षड्यंत्र के तहत अगवा किया था और बालक की सुरक्षित रिहाई के बदले उसके पिता जितेंद्र चौहान से चार करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी।उन्होंने बताया कि फिरौती की रकम नहीं मिलने पर दोनों मुजरिमों ने बालक की बेरहमी से गला घोंटकर हत्या कर दी थी। शर्मा ने बताया कि विक्रांत और रितिक पर जुर्म साबित करने के लिए अदालत में 30 गवाह पेश किए गए थे।उन्होंने बताया कि हत्याकांड के शिकार बालक के पिता जितेंद्र चौहान कांग्रेस से जुड़े हैं और मुजरिमों में शामिल रितिक उनका रिश्तेदार है जिसकी वह अक्सर मदद भी करते थे।

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