उच्च न्यायालय ने दिये परिणाम घोषित न होने से परेशान छात्रा के मूल रिकॉर्ड पेश करने के आदेश

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि छात्रा की ‘ओएमआर शीट’ में भरी आवेदन संख्या उसके द्वारा भेजे गए ई-मेल से अलग है। अदालत ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई पर मूल रिकार्ड पेश करने का आदेश दिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने बुधवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से नीट (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) परिणाम घोषित न होने से परेशान एक छात्रा के मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा। याचिकाकर्ता ने कहा कि एनटीए द्वारा उसका नीट परीक्षा परिणाम इस आरोप के चलते घोषित नहीं किया जा रहा है कि उसकी ओएमआर शीट फटी हुई पाई गई थी। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि उसकी ओएमआर शीट का मूल्यांकन ‘मैन्युअल’ रूप से किया जाए। उसने एनटीए के खिलाफ जांच करने और परीक्षा के लिए ‘काउंसलिंग’ रोकने का भी अनुरोध किया है।याचिकाकर्ता ने एनटीए पर आरोप लगाया है कि उसकी ‘ओएमआर शीट’ सही-सलामत थी लेकिन एनटीए ने उसे एक संदेश भेजा कि उसका परिणाम घोषित नहीं किया जाएगा क्योंकि उसकी ‘ओएमआर शीट’ फटी हुई पाई गई है।याचिका का विरोध करते हुए एनटीए ने याचिकाकर्ता की मूल ‘ओएमआर शीट’, ‘स्कोर कार्ड’ और उपस्थिति पत्रक पेश किया तथा कहा कि यह समझना मुश्किल है कि इसके बावजूद याचिकाकर्ता आवेदन संख्या 240411840741 से ई-मेल क्यों भेज रहा था।सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि छात्रा की ‘ओएमआर शीट’ में भरी आवेदन संख्या उसके द्वारा भेजे गए ई-मेल से अलग है। अदालत ने दोनों पक्षों को अगली सुनवाई पर मूल रिकार्ड पेश करने का आदेश दिया है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More