उत्तर प्रदेश पुलिस में भी अग्निवीर योजना? वायरल हुआ लेटर तो आई सफाई, अखिलेश ने साधा योगी सरकार पर निशाना

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मिनिस्ट्रियल स्टाफ की आउटसोर्सिंग से जुड़ा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा एक ‘लेटर’ वापस ले लिया है। देर रात स्पष्टीकरण में, उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को कहा कि पत्र ‘गलती से’ जारी किया गया था और अब इसे वापस ले लिया गया है। प्रदेश पुलिस ने एक बयान में कहा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पहले से ही लागू है। एक गलती के कारण चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थान पर मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए जारी पत्र रद्द कर दिया गया है। पुलिस विभाग और शासन स्तर पर ऐसा कोई मामला लंबित नहीं है। बयान में यह भी कहा गया है कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के पदों को आउटसोर्स करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उल्लेखनीय रूप से, इस पत्र के कारण उन लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया था, जो मंत्रालयिक कर्मचारी के रूप में नियुक्ति की मांग कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक्स पोस्ट में लिखा कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पूर्व से प्रचलित है। त्रुटिवश चतुर्थ कर्मचारियों के स्थान पर मिनिस्टीरियल स्टॉफ के लिए जारी पत्र को निरस्त कर दिया गया है। इस प्रकार का कोई भी प्रकरण पुलिस विभाग एवं शासन स्तर पर विचाराधीन नही है। वहीं, इसको लेकर राजनीतिक शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि मैंने चुनाव के दौरान ही आगाह किया था कि सेना में अग्निवीर बनाने के बाद अगला नंबर उत्तर प्रदेश पुलिस के जवानों का है, सेना को अग्निवीर बनाने के बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस को भी अग्निवीर बनाने जा रही है भाजपा। उस दिन मेरी कहीं हुई बात सत्य हो गई है, उत्तर प्रदेश पुलिस में संविदा पर उपनिरक्षक लेखा के पदों को भरने की बात हो रही है। सपा नेता ने कहा कि नौजवान समझ लें, रोज़गार देना इस सरकार के एजेंडे में है नहीं।

 

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