राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज
सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कैबिनेट उप-समिति के संदर्भ की शर्तों में राहत शिविरों में रहने वाले आईडीपी की शिकायतों की पहचान करना, राहत शिविरों में व्यक्तियों की जरूरतों और आवश्यकताओं का आकलन करना, आईडीपी के पुनर्वास और पुनर्वास के उपायों की निगरानी करना और आईडीपी के अस्थायी पुनर्वास के लिए भूमि की पहचान की निगरानी करना शामिल है। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने शुक्रवार को कहा कि मणिपुर सरकार ने मौजूदा संकट के कारण राज्य में आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) के पुनर्वास को सुनिश्चित करने के लिए एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया है। गुरुवार शाम इंफाल में राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया। उप-समिति की अध्यक्षता कार्य और युवा मामलों और खेल मंत्री के गोविंददास सिंह करेंगे, जबकि मंत्री अवांगबो न्यूमाई (जल संसाधन और राहत और आपदा प्रबंधन), डॉ. सपम रंजन सिंह (चिकित्सा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और सूचना एव जनसंपर्क) और खशिम वाशुम (पशुपालन एवं पशु चिकित्सा और परिवहन) समिति के सदस्य होंगे। सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर) ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कैबिनेट उप-समिति के संदर्भ की शर्तों में राहत शिविरों में रहने वाले आईडीपी की शिकायतों की पहचान करना, राहत शिविरों में व्यक्तियों की जरूरतों और आवश्यकताओं का आकलन करना, आईडीपी के पुनर्वास और पुनर्वास के उपायों की निगरानी करना और आईडीपी के अस्थायी पुनर्वास के लिए भूमि की पहचान की निगरानी करना शामिल है। पिछले साल 3 मई को राज्य में हुई हिंसा के बाद 50,000 से अधिक आईडीपी राहत शिविरों और अन्य क्षेत्रों में शरण ले रहे हैं और हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए थे। 6 जून को एक व्यक्ति का शव बरामद होने के बाद जिरीबाम में ताजा हिंसा में 200 बच्चों सहित 900 से अधिक लोग विस्थापित हुए। कैबिनेट की बैठक में उपायुक्तों को एक सप्ताह के भीतर बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन पूरा करने का निर्देश देने का भी निर्णय लिया गया और तत्काल राहत के रूप में प्रति बाढ़ प्रभावित परिवार को ₹10,000 की मंजूरी भी दी गई।
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