राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि NEET-UG 2024 की दोबारा परीक्षा केवल ठोस आधार पर ही संभव हो सकती है क्योंकि मेडिकल प्रवेश परीक्षा की पवित्रता बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी तब की जब उनकी अगुवाई वाली पीठ ने एनईईटी-यूजी विवाद से संबंधित कथित कदाचार और अनियमितताओं से संबंधित 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुडा से कहा कि यह स्पष्ट करना होगा किपेपर लीक इतना व्यवस्थित था और इसने पूरी परीक्षा को प्रभावित किया, जिससे पूरी परीक्षा को रद्द करना जरूरी हो गया।सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान कहा, केवल इसलिए कि 23 लाख में से केवल 1 लाख को ही प्रवेश मिलेगा, हम दोबारा परीक्षा का आदेश नहीं दे सकते। दोबारा परीक्षा इस आधार पर होनी चाहिए कि पूरी परीक्षा प्रभावित हो। सुप्रीम कोर्ट नेपेपर लीक विवाद के सामाजिक प्रभाव को रेखांकित करते हुए गूगल बनाम भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) और आयकर रिटर्न से संबंधित मामलों पर एनईईटी सुनवाई को प्राथमिकता दी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लाखों छात्र इस मामले में नतीजे का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि पीठ ने अन्य मामलों को स्थगित कर दिया।मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने अपनी दलील में कहा कि एनटीए ने सभी अभ्यार्थियों का रिजल्ट घोषित नहीं किया है। जबकि दूसरी परीक्षाओं में ऐसा नहीं किया गया है। इसपर सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूछा कि सरकारी कॉलेजों में कितनी सीटें हैं। याचिकाकर्ता के वकील ने जवाब दिया कि कुल सीटों की संख्या 56 हजार हैं। ऐसे में कम से कम एक लाख छात्रों का रिजल्ट घोषित किया जाना चाहिए। इसपर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या आपके हिसाब से कुछ लोग 1 लाख 8 हजार के केटेगरी में आ गए है? आप पहले फैक्ट्स पर बात करें।
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