6,700 से अधिक भारतीय छात्र आ चुके हैं वापस, बांग्लादेश में हिंसा से बॉर्डर पर क्या बदला? विदेश मंत्रालय से जानें

राष्ट्रीय जजमेंट न्यूज

प्रधानमंत्री मोदी के रूस दौरे को लेकर यूएस कांग्रेस की तरफ से टिप्पणी आई है और कहा गया है कि अमेरिका निराश है, जिस तरह की टाइमिंग चुनी गई है। इसके साथ ही अमेरिकी नजरिए ये आंकलन पेश करने की कोशिश की गई है कि कोई बड़ा डिफेंस डील नहीं हुआ है। इस सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि भारत और रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है। सभी देशों को चयन की स्वतंत्रता है। भारत और रूस की दोस्ती दोनों देशों के इंटरेस्ट पर आधारित है। एक बहुध्रुवीय दुनिया में सभी देशों को आजादी है कि अपने-अपने राह चुने। अपने अपने विकल्प को चुने। ये भी जरूरी है कि नई वास्विकता से लोग वाकिफ होकर उसे समझे और उसकी प्रशंसा भी करें। बांग्लादेश में भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि अब तक हमारे पास 6,700 से अधिक भारतीय छात्र बांग्लादेश से वापस आ चुके हैं। हमें बांग्लादेश सरकार से उत्कृष्ट सहयोग मिला है। हमारे उच्चायोग ने सीमा पार बिंदु और हवाई अड्डों तक उनकी सुरक्षित यात्रा की व्यवस्था की है। हेल्पलाइन हम चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। हमें यह भी लगता है कि एक करीबी पड़ोसी होने के नाते, जिसके साथ हमारे बहुत मधुर और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, हमें उम्मीद है कि स्थिति सामान्य हो जाएगी।
बांग्लादेश में एक सप्ताह से अधिक समय तक हिंसा के दौर के बाद अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। वहीं, बुधवार को देश में इंटरनेट उपयोग और कार्यालयों के समय को सीमित कर दिया गया। ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्रों ने 1971 में बांग्लादेश के ‘मुक्ति संग्राम’ के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों को आरक्षित करने की प्रणाली के खिलाफ प्रदर्शन किया था, जिसने हिंसक रूप ले लिया था और इसमें लगभग 200 लोगों की मौत हो गई थी। देश के अधिकांश हिस्सों में इंटरनेट शुरू नहीं किया गया, हालांकि अधिकारियों ने कर्फ्यू में सात घंटे की ढील दी, जिस दौरान राजधानी की सड़कों पर हजारों गाड़ियां नजर आईं।

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