घुसपैठ रोकना सिर्फ केंद्र की नहीं, सभी की जिम्मेदारी : मुख्यमंत्री हिमंत

राष्ट्रीय जजमेंट

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि घुसपैठ रोकना केवल केंद्र सरकार की नहीं बल्कि सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी से वह ‘‘फॉर्मूला’’ भी जानना चाहा कि ‘‘अपनी जाति बताए बिना जाति सर्वेक्षण कैसे किया जाए।’’

भाजपा के झारखंड चुनाव सह-प्रभारी शर्मा ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘झारखंड का संथाल परगना घुसपैठ से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। पिछले 20 वर्षों में इस क्षेत्र के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में घुसपैठियों की आबादी 50-60 प्रतिशत बढ़ गई है और स्थिति असम जैसी हो सकती है।’’

उन्होंने दावा किया कि असम में मुस्लिम आबादी 1952 के 12 प्रतिशत से बढ़कर वर्तमान में 40-42 प्रतिशत हो गई है, जिसका मुख्य कारण घुसपैठ है। शर्मा ने कहा, ‘‘अगर घुसपैठ जारी रही तो वह दिन दूर नहीं जब मुख्यमंत्री को उनके (घुसपैठियों के) सामने आत्मसमर्पण करना पड़ेगा। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि राज्य को बचाना सभी की जिम्मेदारी है। राज्य सरकार को इस मुद्दे पर आम सहमति बनानी चाहिए और घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।’’

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घुसपैठ के लिए बार-बार केंद्र को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि इसे रोकना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जातीय सर्वेक्षण तो चाहते हैं लेकिन अपनी खुद की जाति का खुलासा नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा,‘‘ जातीय सर्वेक्षण बिहार में कराया गया है। क्या यह सारे देश में कराया जाएगा या नहीं, यह एक अलग मामला है।

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