जिस जंग में बादशाह की जान को खतरा न हो, उसे जंग नहीं राजनीति कहते हैं: नवजोत सिंह सिद्धू

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पुलवामा में आतंकी हमले के बाद भारत के एयर स्ट्राइक के बाद राजनीतिक खींचतान पर पंजाब सरकार में मंत्री कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धू ने चाणक्य की कही बात का जिक्र किया। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा, ‘जिस जंग में बादशाह की जान को खतरा न हो, उसे जंग नहीं राजनीति कहते हैं। युद्ध की शरण नाकाम सरकारें लेती हैं।’
उन्होंने पूछा कि खोखले राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए और कितने निर्दोष लोगों और जवानों की जान जाएगी? सिद्धू ने अपने बयान में किसी के नाम का जिक्र नहीं किया लेकिन भारत-पाकिस्तान की मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर माना जा रहा है कि उनका इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ है।
इससे पहले उन्होंने कहा था, ‘हमारे पास विकल्प है। मैं अपने इस विश्वास के साथ खड़ा हूं कि सीमा के अंदर और इसके पार से संचालित आतंकी संगठनों की उपस्थिति और गतिविधियों का दीर्घकालिक समाधान खोजने में बातचीत और कूटनीतिक दबाव अहम भूमिका निभाएगा। आतंक का समाधान शांति, विकास और प्रगति है, बेरोजगारी, नफरत और डर नहीं। कुछ लोगों की गतिविधियों के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।’
भारत-पाकिस्तान के मामले में अपने बयानों और इमरान के शपथ ग्रहण में भारत जाने को लेकर सिद्धू काफी समय से निशाने पर हैं। हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और अपने क्रिकेटर दोस्त इमरान खान की तारीफ भी की थी।
उनके बयान के बाद कांग्रेस ने पल्ला झाड़ लिया था। अपने बयानों की वजह से सिद्धू को ट्विटर पर भी काफी ट्रोल किया गया था। हाल ही में इसी के चलते उन्हें ‘द कपिल शर्मा शो’ से निकाले जाने की मांग भी सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने उठाया था।
पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की तरफ से फिदायीन हमले को अंजाम दिया गया था। 14 फरवरी की इस घटना में CRPF के 40 जवान मौके पर ही शहीद हो गए थे। इन शहादतों के चलते पूरे देश में गुस्से का माहौल था।
इसके बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान की पनाह में पनप रहे आतंकी ठिकानों को महज 21 मिनट में नेस्तनाबूद कर दिया था। भारत की इस असैन्य कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने F-16 लड़ाकू विमान का इस्तेमाल कर पलटवार की कोशिश की लेकिन नाकाम रहा। दोनों देशों के बीच लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है।

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