हिंडनबर्ग अनुसंधान के आरोपों पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, भाजपा ने दिया जवाब

राष्ट्रीय जजमेंट

हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी कर सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच पर गंभीर आरोप लगाए। रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने कहा कि सेबी चेयरपर्सन और उनके पति के पास उस विदेशी कोष में हिस्सेदारी है, जिसका उपयोग अदाणी समूह में कथित धन की हेराफेरी को लेकर इस्तेमाल किया गया। हिंडनबर्ग की इस नयी रिपोर्ट के सामने आते ही विपक्ष ने केंद्र सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया।कांग्रेस ने ‘घोटाले’ की पूरी जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति गठित करने की भी मांग की है। हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ‘दूध का दूध पानी का पानी अपने आप हो गया। भारत सरकार ने कोई विशेष जांच की तरफ ध्यान नहीं दिया था। हिंडनबर्ग ने ही एक और रिपोर्ट निकाली जिसमें इनका सारे कारनामे सबके सामने आ गए। ऑफशोर कंपनी में उनके निवेश सामने आ गए, जब सबकुछ सामने है तो सवाल उठता है कि माधवी बुच को जब SEBI का प्रमुख बनाया था तब क्या भारत सरकार को ये जानकारी नहीं थी? अगर नहीं थी तो ये बहुत बड़ी विफलता है। राहुल गांधी ने कहा था चौकीदार चोर है, वो साबित हो गया।’ अब कांग्रेस पर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘पिछले कुछ सालों से जब भी संसद सत्र शुरू होता है, एक विदेशी रिपोर्ट जारी हो जाती है। संसद सत्र से ठीक पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री जारी की गई थी। संसद सत्र से ठीक पहले जनवरी में हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट आई थी। ये सभी घटनाक्रम संसद सत्र के दौरान होते हैं। विपक्ष के विदेश से ऐसे संबंध हैं कि वे भारत के हर संसद सत्र के दौरान अस्थिरता और अराजकता पैदा करते हैं। वे भ्रम के माध्यम से भारत में आर्थिक अराजकता पैदा करना चाहते हैं। अब वे सेबी पर हमला कर रहे हैं। कांग्रेस पिछले 30-40 सालों से हमेशा विदेशी कंपनियों के साथ क्यों खड़ी है? वह यूनियन कार्बाइड के साथ क्यों खड़ी थी?’

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