Jammu-Kashmir में चुनावी तारीखों के ऐलान पर बोले उमर अब्दुल्ला, देर आए दुरुस्त आए

राष्ट्रीय जजमेंट

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के ऐलान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि देर आए दुरुस्त आए’। चुनाव आयोग ने तीन चरणों में चुनाव की तारीखों की घोषणा की है। कार्यक्रम कुछ ही समय में समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 1987-1988 के बाद यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर में इतने कम चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस इस दिन के लिए तैयार थी। हम जल्द ही अपना चुनाव अभियान शुरू करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कुछ सवाल खड़े किए हैं।

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम भारत के चुनाव आयोग को लिख रहे हैं कि वे पिछले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर में हुए तबादलों की जांच करें। कई अधिकारियों का अचानक तबादला कर दिया गया, हमें संदेह है कि ये तबादले एलजी द्वारा भाजपा की बी और सी टीमों को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए हैं, जिन्हें भाजपा ने यहां रखा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 1-2 सालों में कुछ नेताओं की सुरक्षा कम की गई है और वापस ली गई है। हम चुनाव आयोग से अनुरोध करते हैं कि वे आदेश दें और सुनिश्चित करें कि उनकी सुरक्षा बहाल की जाए।

अनुच्छेद 370 के हटने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे। केंद्र शासित प्रदेश में 18 सितंबर से तीन चरणों में मतदान होगा। अन्य दो चरण 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे। वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को हरियाणा के साथ होगी, जहां 1 अक्टूबर को मतदान होगा। जम्मू-कश्मीर में पहले चरण में 24 सीटों पर मतदान होगा, जबकि दूसरे और तीसरे चरण में क्रमश: 26 और 40 सीटों पर चुनाव होंगे। 2014 में विधानसभा चुनाव पांच चरणों में हुए थे।

चुनाव आयोग की ओर से यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था और निर्देश दिया था कि 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव करा लिए जाएं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस बहुप्रतीक्षित चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए कहा जम्मू-कश्मीर में 42.6 लाख महिलाओं सहित कुल 87.09 लाख मतदाता हैं और इनके मतदान के लिए कुल 11,838 मतदान केंद्र होंगे। उन्होंने कहा कि इस पूर्ववर्ती राज्य के सभी उम्मीदवारों को उनके राजनीतिक दलों की मांग के अनुसार आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। केंद्र सरकार ने साल 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था।

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