चीन में कोई घुसपैठ करने की हिम्मत क्यों नहीं करता? सिंगापुर में कोई नशे का कारोबार क्यों नहीं करता?

राष्ट्रीय जजमेंट

भारत में घुसपैठ, नशाखोरी, बलात्कार, धर्मांतरण जैसी कई समस्याएं गंभीर रूप लेती जा रही हैं लेकिन सख्त कानूनी प्रावधान नहीं होने के चलते अपराधी छूट जाते हैं या कड़ी सजा पाने से बच जाते हैं जिससे अन्य लोगों का भी अपराध करने का हौसला बढ़ता जा रहा है। हम महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर तो सरकार से सवाल पूछ लेते हैं लेकिन देश की असल समस्याओं पर सवाल नहीं पूछते इसलिए सरकार का ध्यान भी इन अहम मुद्दों का स्थायी हल निकालने की ओर नहीं जा रहा है। यहां सवाल यह भी उठता है कि भारत जिन समस्याओं से जूझ रहा है वैसी समस्याएं दुनिया के अन्य लोकतांत्रिक देशों में क्यों नहीं हैं? सवाल उठता है कि क्यों किसी की हिम्मत नहीं होती कि वह बॉर्डर पार करके चीन में घुस जाये? सवाल उठता है कि क्यों किसी की हिम्मत नहीं होती कि वह सिंगापुर में नशे का कारोबार चला कर दिखाये? सवाल उठता है कि क्यों किसी की हिम्मत नहीं होती कि वह अमेरिका में धर्मांतरण करके दिखाये? यह सब उदाहरण दर्शाते हैं कि भारत जिन समस्याओं से जूझ रहा है वह विश्वव्यापी नहीं बल्कि हमारी खुद की कमजोरियों से उत्पन्न हुई चुनौतियां हैं। देखा जाये तो अपराधियों के मन में कानून का डर नहीं होने के चलते ही भारत में तमाम तरह के अपराध और देशविरोधी साजिशें बढ़ रही हैं। हमने विकसित भारत का संकल्प तो ले लिया है लेकिन यह तभी सिद्ध होगा जब देश में अपराधों का ग्राफ बढ़ने से रोक कर विकास के तमाम पैमानों का ग्राफ बढ़ाया जाये।इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और भारत के पीआईएल मैन के रूप में विख्यात अश्विनी उपाध्याय ने कहा है कि कश्मीर फाइल्स बन गई लेकिन कानून नहीं बदला तो गोवा फाइल्स, जम्मू फाइल्स, बंगाल फाइल्स, बिहार फाइल्स, पंजाब फाइल्स, लद्दाख फाइल्स, मणिपुर फाइल्स, नागालैंड फाइल्स, लक्षद्वीप फाइल्स, मिजोरम फाइल्स, झारखंड फाइल्स, मेघालय फाइल्स, सिक्किम फाइल्स, उत्तराखंड फाइल्स, तमिलनाडु फाइल्स और अरुणाचल फाइल्स भी बनेगी।

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