रामलला को पहनाया गया ‘ऐपण’ से सुसज्जित परिधान उत्तराखंडवासियों के लिए ‘सौभाग्यशाली क्षण’ : धामी

राष्ट्रीय जजमेंट

देहरादून । उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला की प्रतिमा को विश्वविख्यात ‘ऐपण कला’ से सुसज्जित रेशमी शुभवस्त्रम पहनाया जाना उत्तराखंडवासियों के लिए एक ‘सौभाग्यशाली क्षण’ करार दिया। भगवान राम के इन वस्त्रों को प्रदेश के कुशल शिल्पकारों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से तैयार किया। धामी वस्त्रों को स्वयं अयोध्या लेकर गए और श्रीराम मंदिर में भेंट किया। इस शुभवस्त्रम् पर न केवल प्रदेश की ‘ऐपण कला’ नजर आती है बल्कि इसमें निहित भक्ति और श्रम साधकों की अद्वितीय शिल्पकला का अद्भुत समन्वय भी है। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर शुभवस्त्रम में रामलला की तस्वीर साझा करते हुए इसे सभी उत्तराखंडियों के लिए अत्यंत सौभाग्यशाली क्षण’ करार दिया। उन्होंने कहा, “अयोध्या में श्री रामलला के दिव्य विग्रह पर देवभूमि उत्तराखंड की ऐपण कला से सुसज्जित शुभवस्त्रम समस्त देवभूमिवासियों की प्रभु श्रीराम के प्रति असीम श्रद्धा एवं आस्था का अनुपम प्रतीक है। यह पावन वस्त्र श्रम साधकों द्वारा निर्मित किया गया है। यह हम सभी उत्तराखंडवासियों के लिए अत्यंत सौभाग्यशाली क्षण है।” यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि इससे उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पारंपरिक कलाओं को न केवल राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिल रही है बल्कि आने वाली पीढ़ियां भी इससे प्रेरित होकर इससे जुड़ेंगी। उत्तराखंड के कुमांउ क्षेत्र में प्रसिद्ध लोक कला ऐपण में गेरू के ऊपर चावल के बिस्वार यानी पिसे चावलों के घोल से उंगलियों की मदद से आकृतियों को उकेरा जाता है। इसे खास त्योहारों जैसे दीपावली आदि पर घरों की देहरी, मंदिरों, दीवारों और कपड़ों पर बनाया जाता है।

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