3 PARAM Rudra Supercomputers-HPC system को PM Modi ने राष्ट्र को किया समर्पित, जानें इसके बारे में

 

राष्ट्रीय जजमेंट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग प्रणाली का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि का दिन है। उन्होंने कहा कि 21 वीं सदी का भारत कैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा अनुसंधान को प्रथामिकता देते हुए आगे बढ़ रहा है। आज का भारत संभावनाओं के अंनत आकाश में नए अवसरों को तराश रहा है।
मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने 3 परम रुद्र सुपर कंप्यूटर बनाए हैं। ये 3 सुपर कंप्यूटर दिल्ली, पुणे और कोलकाता में इंस्टाल किए गए हैं। आज ही देश के लिए ‘अर्का और आरुणिक’ नाम से 2 हाई परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग सिस्टम का उद्घाटन भी किया गया है। आज जिन तीन सुपर कंप्यूटरों का रहस्य हुआ है…भौतिकी से लेकर पृथ्वी विज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान तक ये उन्नत अनुसंधान में मदद करेंगे। ये वो क्षेत्र हैं, जिनमें आज का विज्ञान और प्रौद्योगिकी जगत, भविष्य की दुनिया दिख रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज डिजिटल क्रांति के इस दौर में कंप्यूटिंग क्षमता, राष्ट्रीय क्षमता का पर्याय बन रही है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जो सीधे तौर पर प्रौद्योगिकी और कंप्यूटिंग क्षमता पर प्रतिबंध नहीं है! ये इंडस्ट्री 4.0 में भारत की सफलता का सबसे बड़ा आधार है। भारत के घरेलू सुपरकंप्यूटर के लिए 5-पॉइंट- परम रुद्र में नवीनतम अत्याधुनिक हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है, इसके घटकों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भारत में निर्मित और असेंबल किया गया है।- परम रुद्र बहुत तेज़ गति से जटिल गणनाओं और सिमुलेशन को संभालने में सक्षम है। ये घरेलू और विकसित सुपर कंप्यूटर भारत की तकनीकी प्रगति के प्रमुख उदाहरण हैं।- परम रुद्र का उपयोग मौसम पूर्वानुमान, जलवायु मॉडलिंग, दवा खोज, सामग्री विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए किया जाता है। ये सुपर कंप्यूटर शोधकर्ताओं को चुनौतीपूर्ण समस्याओं से निपटने और महत्वपूर्ण खोजें करने के लिए आवश्यक कम्प्यूटेशनल उपकरण प्रदान करते हैं।- अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने के लिए इन सुपर कंप्यूटरों को पुणे, दिल्ली और कोलकाता में तैनात किया गया है। पुणे में जाइंट मीटर रेडियो टेलीस्कोप (जीएमआरटी) फास्ट रेडियो बर्स्ट्स (एफआरबी) और अन्य खगोलीय घटनाओं का पता लगाने के लिए सुपर कंप्यूटर का लाभ उठाएगा। दिल्ली में इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) सामग्री विज्ञान और परमाणु भौतिकी जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ाएगा। कोलकाता में एस एन बोस सेंटर भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान और पृथ्वी विज्ञान जैसे क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देगा
– ये सुपरकंप्यूटर भारत के राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत तैयार किए गए हैं, जिसे शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, एमएसएमई और स्टार्टअप की बढ़ती कम्प्यूटेशनल मांगों को पूरा करने के लिए देश को सुपरकंप्यूटिंग बुनियादी ढांचा प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया है। यह देश की कंप्यूटिंग शक्ति को बढ़ावा देने का अपनी तरह का पहला प्रयास है।

 

 

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