पश्चिम बंगाल में 10 साल की बच्ची बनी हैवानियत का शिकार, उच्च न्यायालय ने दिया फिर से पोस्टमार्टम करने का आदेश

राष्ट्रीय जजमेंट

पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में एक 10 साल की बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म कर उसकी हत्या करने का मामला सामने आया है। पुलिस के मुताबिक, बच्ची शुक्रवार को अपनी ट्यूशन कक्षाओं के बाद जयनगर स्थित अपने घर लौट रही थी, जब उसके साथ घटना हुई। इस मामले के सामने आने के बाद से जिले का माहौल गरमाया हुआ है। स्थानीय लोगों की भीड़ पुलिस चौकी में आग लगा दी और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया।पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थानीय लोगों ने चौकी के बाहर खड़े कई वाहनों में तोड़फोड़ भी की और पुलिसकर्मियों को परिसर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को भेजा गया और एसडीपीओ एवं अन्य वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को मौके पर ही रोकने की कोशिश कर रही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए।कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रविवार को स्कूली छात्रा का फिर से पोस्टमार्टम करवाने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने बच्ची के माता-पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि दूसरा पोस्टमार्टम सोमवार को कल्याणी स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल में, बरुईपुर अदालत के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) की उपस्थिति में किया जाए।अदालत ने कहा कि अगर एम्स (कल्याणी) में पोस्टमार्टम करने के लिए आवश्यक सुविधाओं की कमी है, तो इसे वहीं स्थित जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल अस्पताल में किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति घोष ने आदेश दिया कि पुलिस को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत एक मामला दर्ज करना चाहिए।

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