तांत्रिक साधना में काम आने वाली हत्था जोड़ी जानिए क्यों है इसका इतना गहरा प्रभाव
पूर्व काल से ही तांत्रिक वस्तुयें भाग्य वृद्धि/सुरक्षा के लिये प्रयोग में लाई जारही है। इनमे से प्रमुख है हत्था जोड़ी जब व्यक्ति को जीवन मे कोई साधन/रास्ता न मिले, तो दीपावली की रात को यह मन्त्र पूजा से सिद्ध करके अपने पास में रखने से साधनो की प्राप्ति में सहायता मिलती है क्योकि इस दीपावली की विशेष रात्रि को मंत्रो द्वारा सिद्धि प्राप्त करने की विशेष योग है।
तांत्रिक साधना में काम आने वाली हत्था जोडी की बात करें तो यह एक प्रभावशाली तांत्रिक वस्तु है, यह बहुत पुराने जंगलों में दाब नाम की घास के पेड की जड से निकलती है।
इस जड़ की आकृति दो जुड़े हुए हाथों के रूप में होती है, इसलिए इसे हत्था जोड़ी कहा गया है | तंत्र शास्त्र में हत्था जोड़ी एक विशिष्ट स्थान रखती है।हत्था जोड़ी
तांत्रिक प्रयोगों में काम आने वाली एक दुर्लभ एवं चमत्कारिक वस्तु है | ये एक प्रकार की वनस्पति बिरवा की जड़ है, लेकिन इसे दुर्लभ माना जाता है, क्योकि ये सहज उपलब्ध नहीं होती है |
हत्था जोड़ी के प्रभाव
ये साक्षात् माँ महाकाली और कामाख्या देवी का स्वरुप मानी जाती है। देखने में ये भले ही किसी पक्षी के पंजे या मनुष्य के हाथो के समान दिखे लेकिन असल में ये एक पौधे की जड़ है।