देवी-देवताओं, महापुरुषों का अपमान अस्वीकार्य, दोषियों को मिलेगी सजाः योगी आदित्यनाथ

राष्ट्रीय जजमेंट

लखनऊ। अक्टूबर और नवंबर का महीना तीज-त्योहारों से भरा रहेगा। इसको लेकर आमजन में उत्साह का माहौल है तो पुलिस के आलाधिकारी शांति व्यवस्था बनाये रखने को लेकर चिंतित हैं। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी लॉ एंड आर्डर को लेकर गंभीर नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि किसी भी जाति, मत-मजहब अथवा संप्रदाय से जुड़े हुए ईष्ट देवी-देवता, महापुरुषों अथवा साधु-संतों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य है, लेकिन विरोध के नाम पर अराजकता भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महापुरुषों के प्रति प्रत्येक नागरिक के मन में कृतज्ञता का भाव होना चाहिए, लेकिन इसके लिए बाध्य नहीं किया सकता और जबरन किसी पर थोपा भी नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर आस्था के साथ खिलवाड़ करेगा, महापुरुषों, देवी-देवता, संप्रदाय आदि की आस्था के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करेगा, तो उसे कानून के दायरे में लाकर कठोरता पूर्वक सजा दिलवाई जाएगी, लेकिन सभी मत, मजहब, सम्प्रदाय के लोगों को एक-दूसरे का सम्मान करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोध के नाम पर अराजकता, तोड़-फोड़ अथवा आगजनी स्वीकार नहीं है, जो कोई ऐसा दुस्साहस करेगा, उसे उसकी कीमत चुकानी होगी। मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए कि शारदीय नवरात्रि विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास, शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल के बीच संपन्न हो, यह प्रत्येक जनपद-प्रत्येक थाना को सुनिश्चित करना होगा। माहौल खराब करने वालों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई करें।योगी ने कहा कानून के खिलाफ काम करने वालों के साथ सख्ती से निपटें। महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में फुट पेट्रोलिंग और पीआरवी 112 की पेट्रोलिंग तेज की जाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं-बेटियों की सुरक्षा व सुविधा सुनिश्चित होनी चाहिए, इसके लिए सभी विभाग मिलकर काम करें। वहीं सीएम ने त्योहारों के दृष्टिगत सोमवार को मुख्य सचिव, डीजीपी, अपर मुख्य सचिव गृह, एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि हर मत, संप्रदाय की आस्था का सम्मान होना चाहिए।

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