Rahul Gandhi के विजन की क्या लोगों को नहीं है कद्र? आलू से सोना निकालने वाली मशीन के बाद जलेबी की फैक्ट्री का सपना भी रह जाएगा अधूरा

राष्ट्रीय जजमेंट

कांग्रेस नेता राहुल गांधी बीजेपी के खिलाफ मजबूती से आवाज उठाते नजर आते हैं। पीएम मोदी का 56 इंच का सीना अब इतिहास हो गया है। वहीं कांग्रेस कहती है कि बीजेपी राहुल गांधी से डरती है। राहुल अपने बयानों के जरिए बीजेपी-आरएसएस, मोदी-शाह पर तीखे प्रहार करते नजर आते हैं। इसके साथ ही समय समय पर कभी संविधान की कॉपी लहराते हैं तो कभी किसान-जवान के अधिकारों के लिए खुद को लड़ने वाला बताते हैं। लेकिन इन सब के बीच राहुल के कुछ बयान समय समय पर उन पर और कांग्रेस पार्टी पर भारी पड़ते नजर आते हैं। आपको याद होगा गुजरात के पाटन में दिया गया उनका एक भाषण। एक वायरल वीडियो जिसमें दावा किया गया कि राहुल गांधी ने कहा कि ऐसी मशीन लगाउंगा, इस साइड से आलू घुसेगा, उस साइड से सोना निकलेगा। राहुल गांधी ने रैली में आए किसानों से कहा था कि ‘ऐसी मशीन लगाऊंगा जिसमें इस साइड से आलू डालो, उस साइड से सोना निकलेगा। हालांकि वो पीएम मोदी का उदाहरण देते हुए ये बात कह रहे थे। लेकिन उनके इस बयान पर खूब मीम्स वायरल हुए थे। वहीं हरियाणा के चुनाव में भी कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी हरियाणा में जलेबी की फैक्ट्री लगवाने की बात करते नजर आए। कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने गोहाना रैली के मंच पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मातू राम की बड़ी जलेबियों का डिब्बा भेंट किया था। राहुल गांधी ने मंच से इन जलेबियों की सराहना की और इनके निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा की। राहुल गांधी ने कांग्रेस की विजय संकल्प रैली के मंच से जब इन जलेबियों के किसी बड़े कारखाने में तैयार किए जाने, हजारों लोगों को रोजगार मिलने तथा देश-विदेश में निर्यात करने पर फोकस किया। अब विपक्ष कहता है कि राहुल से बीजेपी डरती है, लेकिन लगता तो ऐसा है कि बीजेपी राहुल से डरे या न डरे लेकिन इस बयान को सुनकर देश के हलवाई जरूर डर गए होंगे कि कहीं वो जलेबी की फैक्ट्री न लगा दें। राहुल के बयान वोट बटोरे या न बटोरे लेकिन सोशल मीडिया का पारा जरूर गर्म रहता है। चुनाव के बाद बीजेपी जलेबी बांट रही है। वहीं पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान राहुल के जलेबी वाले बयान पर चुटकी भी ली थी। पीएम मोदी ने कहा था कि ये झूठ की नई जलेबियां परोसने से पहले जरा पुराना हिसाब तो दे दो। लोकसभा चुनाव जब से कांग्रेस को 10 में से 5 सीटें आई थी वो ये मान कर चल रही थी कि बस अब हरियाणा में हमारी ही सरकार बनने वाली है। कॉन्फिडेंस मानो इतना हाई की चुनाव आयोग भी कन्फ्यूज हो जाए कि हरियाणा में चुनाव कराने भी है या रहने दिया जाए। हरियाणा का अगला सीएम बनने के लिए भूपेंद्र हुड्डा और कुमारी शैलेजा के बीच ऐसी खींचतान चल रही थी। बीच में रणदीप सुरजेवाला भी नेहरू जैकेट सिलवाकर तैयार नजर आए। लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने अपनी कई गलतियां सुधारी। कांग्रेस को जब ये लगा कि हमारी सरकार बनने ही वाली है तो उसका असर ये हुआ कि कांग्रेस में बागियों की बाढ़ आ गई। सीनियर नेताओं चुनाव में स्ट्रैटजी बनाने की बजाए अपनी ही पार्टी के दूसरे नेताओं को ठिकाने लगाने के पीछे लग गए। ये सारी गलतियां कांग्रेस में जब चल रही थी तो हरियाणा में बीजेपी लोकसभा चुनाव में की गई गलतियों को ठीक करने में लग गई। जीत का क्रेडिट राहुल को देने का सपना रह गया अधूराकांग्रेस को उम्मीद थी की लगातार चुनाव हारने के बाद अब वो एक चुनाव फाइनली जीतने जा रही है। कांग्रेसी प्रवक्ताओं ने जीत का क्रेडिट राहुल गांधी को देने के लिए बेकरार नजर आ रहे थे। लेकिन अपनी गलतियों पर नजर डालने के बजाए कांग्रेस एक बार फिर से इलेक्शन कमीशन को कोसने में लग गई। लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद से कांग्रेस के नेता इलेक्शन कमीशन पर आरोप लगाते हुए नजर आए थे। लोकसभा रिजल्ट के बाद जिस हरियाणा को कांग्रेस ने अपना मान लिया था। वहीं हरियाणा 8 तारीख को फिर से बीजेपी के साथ हो लिया। हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव का जैसे ही रिजल्ट आया राहुल गांधी और केजरीवाल की जिंदगी में एक बड़ा टर्निंग प्वाइंट आ गया। दरअसल, हरियाणा में बीजेपी ने जबरदस्त जीत हासिल की है। जिसके बाद राहुल गांधी ने लगातार इलेक्शन कमीशन पर आरोप लगाया और गायब हो गए। जम्मू कश्मीर में भी आप नेता ने खाता खोल लिया, जो उनके लिए टर्निंग प्लाइंट है।

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