पीएम मोदी से मिलीं सीएम आतिशी, सीएम बनने के बाद पहली भेंट, सामने आई तस्वीर

राष्ट्रीय जजमेंट

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दिल्ली का मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद प्रधानमंत्री के साथ यह उनकी पहली मुलाकात थी। बैठक का एजेंडा अभी साफ नहीं हुआ है। उत्पाद शुल्क “घोटाला” मामले में जेल से रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद छोड़ने का ऐलान किया था। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद ही आतिशी ने मुख्यमंत्री का पद संभाला। आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने पिछले महीने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और वह राष्ट्रीय राजधानी में इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली सभी तीन महिलाओं में सबसे कम उम्र की हैं। वह स्वतंत्र भारत में मुख्यमंत्री के पद पर आसीन होने वाली 17वीं महिला भी बन गयी हैं। वैसे वरिष्ठ आप नेता आतिशी का मुख्यमंत्री के रूप में संक्षिप्त कार्यकाल होगा क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनाव फरवरी में होने वाले हैं। पहली बार की विधायक आतिशी पार्टी का एक बड़ी चेहरा हैं और उन्होंने आबकारी नीति मामले के सिलसिले में अरविंद केजरीवाल के तिहाड़ जेल में रहने के दौरान आप का कामकाज संभाला। केजरीवाल ने कालकाजी से विधायक आतिशी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया था। उससे पहले केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। भाजपा की सुषमा स्वराज और कांग्रेस की शीला दीक्षित के बाद आतिशी (43)दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। वह दिल्ली की सबसे कम उम्र की मुख्यमंत्री हैं। दीक्षित ने जब मुख्यमंत्री का पदभार संभाला था तब वह 60 साल की थीं। सुषमा स्वराज दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के समय 46 साल की थीं। वैसे आतिशी फिलहाल देश में दूसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी मुख्यमंत्री हैं। भारत के इतिहास में सभी महिला मुख्यमंत्रियों की सूची इस प्रकार है: सुचेता कृपलानी: स्वतंत्र भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री, कृपलानी ने 1963 से 1967 तक उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सरकार का नेतृत्व किया। नंदिनी सत्पथी: किसी भारतीय राज्य की दूसरी महिला मुख्यमंत्री। इन कांग्रेस नेता ने 1972 से 1976 तक ओडिशा का शासन संभाला था। उनका कार्यकाल 1975 में आपातकाल की घोषणा समकालीन था। शशिकला काकोडकर: महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी की नेता काकोडकर1973 से 1979 तक दो बार गोवा, दमन और दीव के केंद्र शासित प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। गोवा को 1987 में राज्य का दर्जा मिला, जबकि दमन और दीव केंद्र शासित प्रदेश बना रहा।

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