अनशन पर बैठे एक और डॉक्टर की हालत बिगड़ी, आईएमए एक्शन कमेटी ने कहा- ये स्थिति ख़त्म होनी चाहिए

राष्ट्रीय जजमेंट

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद अपनी मांगों को लेकर पश्चिम बंगाल के कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन सोमवार को 10वें दिन भी जारी है। आईएमए एक्शन कमेटी के सदस्य डॉ अभिक घोष ने कहा कि 6 डॉक्टरों के संगठनों ने मुख्य सचिव के साथ बैठक की है। पहले दिन से ये वरिष्ठ डॉक्टर इस लड़ाई में जूनियर डॉक्टरों के पक्ष में खड़े हैं। इस बैठक का मुख्य कारण वो ये कि हमारे डॉक्टर पिछले 10 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, ये स्थिति ख़त्म होनी चाहिए हमारे 4 डॉक्टर आईसीयू में भर्ती हैं और बाकी जो विरोध कर रहे हैं उनकी हालत भी बहुत ख़राब है। कनिष्ठ चिकित्सक 10 दिन से भूख हड़ताल कर रहे हैं, उनमें से तीन अब आईसीयू में हैं, फिर भी सरकार इन गंभीर समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय समारोहों को तरजीह दे रही है। बयान में कहा गया है कि जश्न मनाने के संवैधानिक अधिकार का सम्मान करते हुए हम सरकार के कार्निवल को रद्द करने की मांग नहीं करते हैं। साथ ही हम उत्सवों में बाधा डाले बिना शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक प्रदर्शन के अपने अधिकार पर भी जोर देते हैं। यह निराशाजनक है कि सरकार ने हमें 15 अक्टूबर को प्रस्तावित प्रदर्शन वापस लेने के लिए कहा है, जिसका उद्देश्य आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों के प्रति एकजुटता दिखाना है।कनिष्ठ चिकित्सक आरजी कर अस्पताल में बलात्कार एवं हत्या मामले में मृतक चिकित्सक के लिए न्याय, स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल हटाने, कार्यस्थल पर सुरक्षा और अन्य उपायों की मांग कर रहे हैं। उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों एवं चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए एक केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना करने, बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने, ऑन-कॉल रूम और शौचालय के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते टास्क फोर्स के गठन की मांग शामिल भी है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More