Farooq Abdullah ने पाकिस्तान से हिस्सा रोकने, भारत के साथ मित्रता का रास्ता खोजने का किया आग्रह

राष्ट्रीय जजमेंट

श्रीनगर । नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि गुलमर्ग जैसे हमले तब तक होते रहेंगे जब तक भारत और पाकिस्तान मित्रता का रास्ता नहीं खोज लेते। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर जम्मू कश्मीर की समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में गुलमर्ग के पास बृहस्पतिवार को आतंकवादियों ने सेना के एक वाहन पर घात लगाकर हमला किया, जिसमें दो कुलियों और दो जवानों की मौत हो गयी थी। इस हमले में एक जवान और एक कुली घायल हो गए।

अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस राज्य में ऐसे हमले होते रहेंगे। आप जानते हैं कि वे कहां से आते हैं और यह तब तक नहीं रुकेगा जब तक इस समस्या से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल जाता। मैं पिछले 30 वर्ष से यह देख रहा हूं, निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनने जा रहे हैं। तो फिर वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? हमारे भविष्य को बर्बाद करने के लिए? हमें गरीब बनाने के लिए?’’ पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में समस्या पैदा करने के बजाय पाकिस्तान को अपनी दुर्दशा पर ध्यान देना चाहिए और अपनी बेहतरी के लिए काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘वे खुद तो बर्बाद हो ही रहे हैं, साथ ही हमें भी बर्बाद कर रहे हैं।’’ अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से हिंसा रोकने और भारत के साथ दोस्ती का रास्ता तलाशने की अपील की। ​​उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे कोई रास्ता नहीं तलाशते हैं, तो भविष्य बहुत मुश्किल होगा।’’ नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार के हमले में शहीद हुए दो सैनिकों के साथ ही मारे गए दो कुलियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जो शहीद हुए हैं। मैं उनके परिवारों से माफी मांगता हूं।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि हाल के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतदान से पाकिस्तान हताश है, अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि क्या हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने विधानसभा चुनाव में मतदान किया और अब विधानसभा लोगों के लिए काम करेगी। हमें उम्मीद है कि केंद्र पूर्ण राज्य का दर्जा देगा ताकि सरकार लोगों के लिए काम कर सके।’’ दिल्ली में प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की हाल की बैठकों पर, फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार के सुचारू कामकाज के लिए केंद्र के साथ समन्वय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं मुख्यमंत्री था, तो मैं हर बार यही कहता था कि समन्वय एक अच्छी बात है क्योंकि सब कुछ उनके पास है।

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