एक राष्ट्र, एक चुनाव का विरोध, एनईईटी हटाने की मांग, तमिलागा वेट्री कज़गम के प्रस्ताव में क्या मांगें हैं?

राष्ट्रीय जजमेंट

थलापति विजय की अध्यक्षता में रविवार को तमिलगा वेत्री कझगम ने कार्यकारिणी और जिला पदाधिकारियों की एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में, पार्टी ने भाजपा के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया। इसके अलावा इस बैठक में नीट परीक्षा और वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में भी प्रस्ताव पारित किए गए हैं।टीवीके की बैठक में एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली द्रविड़ मुनेत्र कझगम (डीएमके) सरकार की आलोचना की गयी। टीवीके ने डीएमके पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासन में तमिलनाडु में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है।तमिलगा वेत्री कझगम ने अपने प्रस्ताव में कहा, ‘राज्य स्वायत्तता नीति की हमारी मांग के अनुसार, शिक्षा राज्य सूची में आती है। अगर केंद्र सरकार शिक्षा को राज्य सूची में ले जाती है, तो राज्य सरकार अपने आप नीट को रद्द कर सकती है।’ प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि यह कार्यकारी समिति केंद्र सरकार द्वारा इस पर लगाए गए अवरोध का विरोध करती है और साथ ही तमिलनाडु के लोगों को झूठे वादों से धोखा देने के लिए राज्य डीएमके सरकार का भी विरोध करती है।टीवीके ने अपने प्रस्ताव में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ को लोकतंत्र और संघवाद के सिद्धांतों के खिलाफ बताया है। इसके अलावा पार्टी ने केंद्र सरकार से वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को वापस लेने की मांग की। उन्होंने इसे संघवाद के खिलाफ हमला बताया है। एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैठक में पार्टी की विचारधारा और नीतियों का ‘पूरे दिल से और दृढ़ता से’ पालन करने का संकल्प लिया गया।

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