बिहार: सुपौल में जंगली हाथी ने मचाया उत्पात, 2 दिन में 5 लोगों की ली जान

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सुपौल। नेपाल से बिहार के सीमवर्ती क्षेत्र सुपौल में घुस आए एक जंगली हाथी का उत्पात जारी है। पिछले दो दिनों के अंदर इस हाथी ने पांच लोगों की कुचलकर जान ले ली है और कई घरों को ध्वस्त कर घर में रखे अनाज को खा गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि बुधवार को नेपाल के मृगवन से भटककर कई हाथी बिहार के भीमनगर क्षेत्र में पहुंच गए थे।
इसमें से कई हाथी वापस लौट गए लेकिन एक हाथी सुपौल जिले के आबादी वाले क्षेत्रों में पहुंच गया।
इस हाथी ने दो दिनों के अंदर करजाईन, राघोपुर, पिपरा, किसनपुर सहित कई थाना क्षेत्रों में उपद्रव मचाया है।

जिला प्रशासन और वन विभाग की टीम हाथी को वापस नेपाल क्षेत्र में पहुंचाने की कवायद में जुटे हैं। पुलिस के अनुसार,

हाथी ने गुरुवार को चौहट्टा गांव में खेत में काम कर रहे श्याम लाल कामत को कुचलकर मार दिया और उत्क्रमित मध्य विद्यालय की कई दीवारों को क्षतिग्रस्त कर दिया।

हाथी ने भवानीपुर पंचायत में खेतों में लगी फसल को नुकसान पहुंचाया और कई घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। हाथी ने करजाईन थाना के वसावनपट्टी गांव में

पुतुल देवी (35) को भी पटककर घायल कर दिया तथा मोतीपुर गांव में साइकिल सवार युगेश्वर यादव (50) को कुचल दिया जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।

इससे पहले हाथी बुधवार को राघोपुर थाना के नरहा गांव होते हुए धर्मपट्टी गांव पहुंचा था जहां घर के बाहर खेल रहे 12 वर्षीय बच्चे मोहम्मद अब्बास को कुचलकर घायल कर दिया,

जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसने जहलीपट्टी गांव में धनिया देवी (55) की तथा कोरिया पट्टी में रंजीत कुमार (45) की भी कुचलकर जान ले ली।

सुपौल के जिलाधिकारी महेंद्र कुमार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा करते हुए कहा कि हाथी को वापस नेपाल क्षेत्र में भेजने के लिए वन विभाग और पुलिस की टीम लगातार प्रयास कर रही है।

वहीं, वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेश प्रसाद गुप्ता ने शुक्रवार को बताया कि अक्सर इस क्षेत्र में नेपाल से हाथियों का झुंड पहुंच जाता है लेकिन वापस भी चला जाता है।

इस बार एक हाथी भटककर आबादी वाले क्षेत्र में पहुंच गया। उन्होंने कहा कि हाथियों को रात में देखने में परेशानी होती है जिस कारण वे रात को ज्यादा नुकसान करते हैं।

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