राजस्थान का लाल मनीष करेंगे सीओपी 29 में भारत का प्रतिनिधित्व

नई दिल्ली:राजस्थान के जयपुर निवासी और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र डॉक्टर मनीष जांगिड़ ने एक बार फिर देश का मान बढ़ाया है। मनीष को आगामी सीओपी 29 में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। जलवायु परिवर्तन से संबंधित इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में, मनीष भारत की ओर से पर्यावरण नीति निर्माण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विश्व पटल पर प्रस्तुत करेंगे।

डॉक्टर मनीष जांगिड़ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजस्थान के जोधपुर स्थित प्रतिष्ठित एमबीएम कॉलेज से बी.ई की डिग्री प्राप्त करके पूरी की। इसके पश्चात उन्होंने जेएनयू के स्कूल ऑफ एनवायरनमेंटल साइंस से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। मनीष न केवल एक कुशल वैज्ञानिक हैं बल्कि नीति निर्माण के क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। पर्यावरण और सतत विकास में गहरी रुचि के साथ, मनीष ने अपने करियर को देश की पर्यावरणीय नीति में योगदान देने के उद्देश्य से समर्पित किया है। उनकी उत्कृष्ट शैक्षणिक और व्यावसायिक उपलब्धियों ने उन्हें इस प्रतिष्ठित वैश्विक मंच पर पहुंचाया है।

इससे पूर्व भी, डॉक्टर मनीष ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। उनके शोध कार्य कई उच्च गुणवत्ता वाले समीक्षाधीन जर्नलों में प्रकाशित हो चुके हैं। इसके अलावा, मनीष ने दुनिया के कुछ प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में भी जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण लेख प्रकाशित किए हैं, जो भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहे गए हैं। इन लेखों और शोध पत्रों के माध्यम से मनीष ने न केवल भारतीय विज्ञान का नाम रोशन किया है, बल्कि देश के पर्यावरणीय मुद्दों पर वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित करने में भी सफलता पाई है।

सीओपी 29 सम्मेलन, संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर आयोजित सबसे प्रमुख मंच है, जहां दुनिया के सभी देश जलवायु परिवर्तन से संबंधित समझौतों, नीतियों और प्रतिबद्धताओं पर चर्चा करते हैं। इस वर्ष, सीओपी 29 में दुनिया भर के नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और संगठनों का जमावड़ा होगा, जो वैश्विक पर्यावरणीय संकटों पर ठोस कदम उठाने के लिए संकल्पित हैं। सीओपी 29 का मुख्य उद्देश्य सतत विकास, कार्बन उत्सर्जन में कटौती, और जलवायु अनुकूलन के तरीकों पर ध्यान केंद्रित करना है।

सीओपी 29 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, मनीष जांगिड़ जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर भारत की स्थिति को सशक्त ढंग से प्रस्तुत करेंगे। मनीष के अनुभव और विशेषज्ञता से भारत को लाभ होगा क्योंकि वे भारत की पर्यावरणीय नीतियों, जलवायु अनुकूलन, और सतत विकास के लक्ष्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को प्रभावशाली तरीके से प्रदर्शित करेंगे। वे वैश्विक नेताओं के साथ संवाद में शामिल होकर भारत के दृष्टिकोण को साझा करेंगे और इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने का प्रयास करेंगे।

इसके अतिरिक्त, मनीष भारत की जलवायु योजनाओं, नवाचारों और उन स्थानीय पहलों के बारे में भी चर्चा करेंगे, जो जलवायु संकट का सामना करने के लिए भारत में प्रभावी ढंग से लागू की जा रही हैं। वे सीओपी 29 में भारत की ऊर्जा संक्रमण योजनाओं, हरित प्रौद्योगिकी, और स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग की दिशा में हमारे संकल्प का उल्लेख करेंगे।

मनीष का यह प्रयास भारत को एक जिम्मेदार वैश्विक नागरिक के रूप में स्थापित करेगा और विश्व समुदाय को भारत की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का संदेश देगा। मनीष जांगिड़ का सीओपी 29 में भारत का प्रतिनिधित्व करना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह भारत के विज्ञान और अनुसंधान क्षेत्र की सामर्थ्य का भी परिचायक है। उनकी इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर भूमिका देश के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। मनीष का यह योगदान हमारे देश के पर्यावरणीय और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। राजस्थान के इस लाल के शानदार योगदान पर हमें गर्व है और देश के प्रति उनकी इस प्रतिबद्धता को सलाम है। डॉ जागिड़ ने बताया कि इस कांफ्रेंस में जाने के लिए ग्रासरूट रिसर्च क्रिएशन ऑफ़ इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर धीरज ने आंशिक आर्थिक सहायता भी की है।

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